सवाई माधोपुर के रणथंभोर नेशनल पार्क स्थित कचिदा माता मंदिर में वन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने के मामला गर्माया. जहां भाजपा ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मुद्दे बनाकर इस मामले को लेकर कलेक्ट्रेट के समक्ष जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
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Sawai-madhopur: सवाई माधोपुर के रणथंभोर नेशनल पार्क स्थित कचिदा माता मंदिर पर वन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. अब मामला पूरी तरह से राजनीतिक रंग में रंग गया है. दो दिन पूर्व जहां भाजपा ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मुद्दे बनाकर इस मामले को लेकर कलेक्ट्रेट के समक्ष जमकर विरोध प्रदर्शन किया था, तो अब वहीं पलटवार में कांग्रेस भी मुखरित होकर सामने आ गई है. सवाई माधोपुर से कांग्रेस विधायक दानिश अबरार अब भाजपाइयों को इसका जवाब देने की कोशिश में जुटे हैं.
विधायक दानिश अबरार अपने समर्थकों तथा अधिकारियों के साथ नेशनल पार्क स्थित कचिदा माता वन क्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने मंदिर में दर्शन करने के पश्चात मंदिर स्थल पर ही बैठक आयोजित की. इस दौरान कचिदा माता मंदिर परिसर का मौका मुआयना भी किया गया साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर स्थल पर किसी भी तरह का कोई नया निर्माण नहीं किया गया है. वन विभाग तथा भाजपा इस बात को बेवजह तूल दे रहें हैं. मंदिर स्थल की वस्तुस्थिति की मौका रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए उन्होंने 5 सदस्य एक कमेटी का भी गठन किया, जो कि वस्तु स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
विधायक दानिश अबरार ने दावा करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में मंदिर स्थल पर किसी भी तरह की कोई छेड़खानी नहीं करने दी जाएगी. विधायक ने कहा कि कचिदा माता मंदिर क्षेत्र वासियों के लिए वर्षों से आस्था का केंद्र रहा है और वर्तमान में जो स्थिति है, वह यथावत रहेगी तथा एक ईंट भी नहीं खिसकाई जा सकेगी.
गौरतलब है कि सवाई माधोपुर के रणथंभौर वन क्षेत्र स्थित कचिदा माता मंदिर परिसर को अवैध अतिक्रमण मानकर वन विभाग के जरिए अतिक्रमण हटाये जाने के आदेशों को निरस्त करने की मांग की है. इस मांग को लेकर सोमवार को रणथंभौर से सटे एक दर्जन से भी अधिक गांवो के सैंकड़ो ग्रामीणों ने भाजपा कार्यसमिति सदस्य आशा मीणा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया था और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था.
कलेक्ट्रेट से पूर्व सैंकड़ो ग्रामीण डीएफओ कार्यालय पहुंचे थे, जहां डीएफओ संग्राम सिंह को भी ज्ञापन सौंपा गया था और उसके बाद सैंकड़ो ग्रामीण आशा मीणा के नेतृत्व में रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे. ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि रणथंभौर वन क्षेत्र स्थित कचिदा माता का मंदिर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र है. कचिदा माता का मंदिर रणथंभोर सेंचुरी घोषित होने से भी सैंकड़ो साल पुराना है और यहां साल भर श्रद्धालुओं के आना जाना लगा रहता है लेकिन वन विभाग के अधिकारियों द्वारा कचिदा माता मंदिर को अतिक्रमण बताकर तोड़ने के आदेश जारी किए गए, जिसे लेकर आस पास के ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है.
Reporter - Arvind Singh
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