सवाईमाधोपुर: बौंली में खूब जमा मुशायरे का रंग, शायरियों,नज्मों और कविताओं की रही गूंज, वक्त आने दे वक्त पर बतलाउंगा..
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सवाईमाधोपुर: बौंली में खूब जमा मुशायरे का रंग, शायरियों,नज्मों और कविताओं की रही गूंज, वक्त आने दे वक्त पर बतलाउंगा..

Sawai Madhopur: सवाईमाधोपुर के नगर पालिका मुख्यालय बौंली पर विगत रात आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मुशायरा कार्यक्रम आयोजित किया गया. गंगा-जमुनी तहजीब पर आयोजित मुशायरा कार्यक्रम में देशभक्ति कविताओं को जमकर दाद मिली. 

सवाईमाधोपुर: बौंली में खूब जमा मुशायरे का रंग, शायरियों,नज्मों और कविताओं की रही गूंज, वक्त आने दे वक्त पर बतलाउंगा..

Sawai Madhopur: बौंली में खूब जमा मुशायरे का रंग.मुशायरा कार्यक्रम के दौरान धार्मिक सौहार्द का संदेश दिया गया.पठान मोहल्ला स्थित इमामबाड़ा में आयोजित मुशायरा कार्यक्रम की शुरुआत मशहूर शायर इकबाल खुश्तर ने अल्लाह के पाक कलाम से की. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लायंस क्लब अध्यक्ष नरेंद्र मंगल ने शिरकत की.वहीं, कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी ओम प्रकाश जोशी ने की.

कार्यक्रम में सूबे के ख्याति प्राप्त शायरों,कवियों ने अपनी शायरियों,नज्मों और कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को अलसुबह तक बांधे रखा.कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि मुस्लिम समाज सदर मुमताज का पठान,मंजूर आलम शिर्वानी,हनीफ पीटीआई,सरफराज चौधरी सहित कई गणमान्य मौजूद रहे.

कार्यक्रम में स्थानीय शायर अनवर खां अनवर ने अल्लाह की इबादत पर नज्म पेश की.स्थानीय कवि सीताराम त्रिवेदी ने ''मुखोटो पर मुखोटे लगाए रखते हैं लोग'' सुनाकर वाहवाही लूटी.शायर नईम खां पठान हारिस ने ''वक्त आने दे वक्त पर बतलाउंगा'' गजल सुनाकर श्रोताओं की दाद लूटी. बीकानेर से आए कासिम बीकानेरी की गजल ''तालीम के जेवर से बच्चों को सजाना है,इंसान हमें अच्छा इन सबको बनाना है'' को भी श्रोताओं ने जमकर सराहा.राही हिंडोनवी ने ''लगी जो ठेस तो आंखों से बह गया काजल'' और अन्य गजलें सुनाकर श्रोताओं को वंस मोर कहने पर बाध्य कर दिया.

शायर हनीफ शेख बामनवासी ने सामाजिक कुरीतियों पर कटाक्ष करती हुई नज्मे पेश कीमशहूर कवि आशीष मित्तल ने ''यूं हिंदू और मुसलमान में ना बांटो मेरे देश को,गौर से देखो दंगों की हर चीताओं में हिंदुस्तान जलता है'' सुना कर जमकर तालियां बटोरी. कार्यक्रम का संचालन कर रहे सरफराज फलाई ''बज्मी'' ने'' फहराने को देते हो तिरंगा, पहले घर तो दो तिरंगे के लिए'' सहित कई गजलें सुना कर वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर कटाक्ष किए. 

चाकसू से आए इकबाल खूश्तर ने ''कितना है भोला भाला हिंदुस्ता हमारा नज्म पेश की. बूंदी से आए डॉ. रियाज अंसारी ने श्रृंगार रस से जुड़ी हुई गजल सुना कर मुशायरे को ऊंचाइयों प्रदान की.

कार्यक्रम के दौरान दौसा व जयपुर से आए हुए शायरों ने भी गजलें सुना कर जमकर वाहवाही लूटी।आयोजन समिति समिति की ओर से सभी अतिथियों,शायरों और कवियों का मोमेंटो भेंट कर अभिनंदन किया गया. मुख्य अतिथि नरेंद्र मंगल ने भी उद्बोधन के दौरान ''कुछ कहे बगैर रहा नहीं जाता'' गीत सुना कर वर्तमान हालातों पर व्यंग्य किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी ओम जोशी ने भी हास्य व्यंग्य के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर कटाक्ष किए.आयोजन समिति की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया गया.

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