RPSC paper Leak 2nd grade teacher exam in Rajasthan : राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित हुई सैंकड ग्रेड टीचर भर्ती में सुरेश ढ़ाका और सुरेश बिश्नोई ने मिलकर जयपुर से लेकर उदयपुर और सिरोही से लेकर जालोर तक जिस तरह जाल बिछाया. उससे इस बार जीजा साले की जोड़ी चर्चाओं में है. पढ़िए पूरी स्टोरी.
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RPSC paper Leak 2nd grade teacher exam : राजस्थान में REET एग्जाम से लेकर सैकंड ग्रेड टीचर भर्ती तक, पेपर लीक गिरोह युवाओं का पीछा नहीं छोड़ रहा है. रीट परीक्षा में बाड़मेर का ठेकेदार भजनलाल जो सोहनी का फूफा था, उसने सोहनी के लिए पेपर खरीदा. लेकिन राजस्थान लोक सेवा आयोग ( RPSC Ajmer ) की ओर से आयोजित द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक जीजा साले की जोड़ी सामने आ रही है. जिसने परीक्षा से 72 घंटे पहले ही पेपर लीक कर दिया था. और 48 घंटे पहले उन सभी 40 लोगों तक पेपर पहुंच गया था. जिनको पुलिस ने पकड़ा है.
उदयपुर पुलिस ने इस मामले में जांच कर जो खुलासे किए है वो हैरान करने वाले है. उदयपुर पुलिस के मुताबिक इस पूरे गैंग के 4 मास्टरमाइंड है. ये जीजा साले की जोड़ी है. पहला मास्टरमाइंड, सुरेश ढ़ाका. जो जयपुर में उमंग क्लासेज चलाता है. कई मंत्रियों के ट्वीटर अकाउंट भी संभालता है. खुद की सोशल मीडिया पर अच्छी पहुंच है. दूसरा मास्टरमाइंड- सुरेश बिश्नोई. सुरेश बिश्नोई उसका साला है. ढ़ाका ने 3 दिन पहले पेपर मंगवाया और अपने साले सुरेश बिश्नोई को दे दिया. जिसका काम पेपर को सॉल्व करवाना था.
सुरेश ढ़ाका के साले सुरेश बिश्नोई ने पेपर सॉल्व करवाना और नकल करने वाली पूरी गैंग तैयार करने का जिम्मा संभाला. उदयपुर में सभी लोगों को बुलाया गया. वहां एक दिन पहले पेपर सॉल्व करवाया गया. रात के समय बस उदयपुर से जालोर के लिए रवाना हुई. उसमें तीन लोग पेपर की प्रैक्टिस करवाने के लिए थे. सभी लोगों तक आवाज आसानी से पहुंचे इसके लिए साउंड सिस्टम लगाया गया. सुरेश बिश्नोई ने पेपर बेचने के लिए अपने रिश्तेदारों और उनके दोस्तों को ही चुना. ताकि बात बाहर न जाए.
सुरेश बिश्नोई ने उदयपुर से बस को तीन सब्जेक्ट एक्सपर्ट के साथ जालोर रवाना किया. खुद की गाड़ी बस को पीछे से एस्कॉर्ट कर रही थी. कुछ अपने खास लोगों को अपनी गाड़ी में बिठा रखा था. ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके. इसी बीच पुलिस को को इस बस के बारे में खबर मिल गई. उदयपुर से जालोर रूट पर रात के समय कई बसें चलती है. ऐसे में ये पुलिस के लिए ये पता करना काफी मुश्किल था कि आखिर किस बस में पेपर लीक गैंग सवार है. रात को 8 बजे पुलिस को इस बस पर शक हुआ. सादी वर्दी में 3 गाड़ियां पीछे लगाई गई. पहली गाड़ी 200 मीटर, दूसरी 400 और तीसरी 500 मीटर पीछे रखी ताकि कोई शक न हो.
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