Sambhal News: इस बीच 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद न्यायिक आयोग ने संभल का दौरा किया. आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के साथ हिंसा स्थल का निरीक्षण किया और मौजूदा हालात की जानकारी ली.
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Sambhal Mosque Survey: उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद में मंदिर के प्रमाण मिलने के और भी सबूत सामने आए हैं. असल में सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के अंदर 50 से अधिक फूलों के निशान, सुदर्शन चक्र, और मंदिर की संरचना से जुड़े अन्य सबूत सामने आए हैं. इसके अलावा, मस्जिद के परिसर में दो वट वृक्ष और एक प्राचीन कुआं पाया गया है, जो हिंदू धार्मिक परंपराओं से जुड़े माने जाते हैं. विशेषज्ञों ने मस्जिद के निर्माण में पुराने ढांचे को बदलने और मंदिर के आकार पर प्लास्टर कर पेंट करने की बात भी कही है.
न्यायिक आयोग ने संभल का दौरा किया
इस बीच 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद न्यायिक आयोग ने संभल का दौरा किया. आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के साथ हिंसा स्थल का निरीक्षण किया और मौजूदा हालात की जानकारी ली. आयोग के तीन सदस्य शाही जामा मस्जिद पहुंचे और वहां का गहन निरीक्षण किया. मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि आयोग ने स्थानीय लोगों से बातचीत कर जरूरी जानकारी जुटाई है.
24 नवंबर को भड़की थी हिंसा
शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. हिंसा उस याचिका के संदर्भ में हुई, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद के स्थान पर पहले हरिहर मंदिर था. घटना के बाद से संभल में तनावपूर्ण माहौल है, लेकिन प्रशासन की कड़ी निगरानी के चलते स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है.
योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. राज्य के गृह विभाग ने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है. इस आयोग की अध्यक्षता हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा कर रहे हैं. उनके साथ सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन भी सदस्य के रूप में शामिल हैं.
दो महीने में पूरी होगी जांच
आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है. अगर आवश्यकता पड़ी, तो समय सीमा बढ़ाने के लिए सरकार की मंजूरी ली जाएगी. प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए हैं और 10 दिसंबर तक लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. Input- Dheerendra)