कौन हैं सत्यन मोकेरी, जो पलट सकते हैं वायनाड की राजनीति का पासा, क्या प्रियंका कर पाएंगी सामना?
Advertisement
trendingNow12495926

कौन हैं सत्यन मोकेरी, जो पलट सकते हैं वायनाड की राजनीति का पासा, क्या प्रियंका कर पाएंगी सामना?

Waynad Bypolls: वरिष्ठ भाकपा नेता ने कहा कि वायनाड के लोगों को अपने पूर्व सांसद राहुल गांधी से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन अब वे बदलाव चाहते हैं और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को वोट देंगे.

कौन हैं सत्यन मोकेरी, जो पलट सकते हैं वायनाड की राजनीति का पासा, क्या प्रियंका कर पाएंगी सामना?

Satyan Mokeri: जमीनी स्तर के नेता और वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए वामपंथी उम्मीदवार सत्यन मोकेरी ने अपने प्रदर्शन से हर बार कांग्रेस को चौकाया है. जब उन्होंने 2014 में यहां चुनाव लड़ा था, तो उन्होंने प्रतिद्वंद्वी की जीत के अंतर को 20,000 वोटों तक कम कर दिया था.

दस साल बाद, जब वह इस सीट से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चुनौती दे रहे हैं, तब उन्हें विश्वास है कि वह निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे.

एक इंटरव्यू में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के 71 वर्षीय नेता मोकेरी ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रचार अभियान में वायनाड के राजनीतिक मुद्दों या प्रमुख चिंताओं को हल करने के बजाय परिवारवाद पर ध्यान केंद्रित किया है.

तीन बार रह चुके हैं विधायक

मोकेरी, राज्य विधानसभा में नादापुरम सीट से तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

वरिष्ठ भाकपा नेता ने कहा कि वायनाड के लोगों को अपने पूर्व सांसद राहुल गांधी से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन अब वे बदलाव चाहते हैं और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को वोट देंगे.

अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मोकेरी ने सौम्य परंतु दृढतापूर्वक वायनाड की राजनीति पर बात की और एक के बाद एक मुद्दे उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि वायनाड से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व सांसद राहुल ने क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया.

5 साल राहुल गांधी ने क्या किया?

मोकेरी ने कहा, ‘‘पांच साल तक सांसद रहते हुए उन्होंने (राहुल गांधी ने) वायनाड के लिए क्या किया? क्या उन्होंने संसद में वायनाड के किसी मुद्दे को उठाया? उन्होंने यह स्वीकार करते हुए दूसरी बार वोट मांगा कि उन्होंने गलतियां कीं और यदि वह फिर निर्वाचित हुए तो वह उन मुद्दों का समाधान करेंगे? लेकिन क्या हुआ? वह जल्दी ही मैदान छोड़कर चले गए और वायनाड के लिए दूसरे उम्मीदवार की घोषणा हुई.’’

उन्होंने दावा किया कि राहुल ने वायनाड में किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए कुछ नहीं किया, जिनमें कर्नाटक के साथ रात्रि यात्रा का मुद्दा भी शामिल है और यह मुद्दा अब उच्चतम न्यायालय में है.

मोकेरी का कहना था कि उन्होंने नंजनगुड-मैसूर रेलवे लाइन को लेकर भी आवाज नहीं उठाई.

उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक सरकार रात्रि यात्रा प्रतिबंध के मुद्दे पर वायनाड के लोगों के खिलाफ है. कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और जब राहुल यहां के सांसद थे तो वह इस मुद्दे को आसानी से सुलझा सकते थे.’’

'संसद में वायनाड की आवाज रही गायब'

मोकेरी ने कहा कि जब राज्य सरकार ने 30 जुलाई के विनाशकारी भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला के लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया, तब वायनाड के पास संसद में अपना निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं था.

मोकेरी ने दावा किया, ‘‘राहुल इन मुद्दों को सीधे प्रधानमंत्री के सामने उठा सकते थे, लेकिन संसद में वायनाड की आवाज गायब रही.’’

कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं से भी जीतकर संसद सदस्य बन जाना पूरी तरह से अराजनीतिक विचार है.

उन्होंने कहा कि वायनाड के लोग अब बदलाव की मांग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि उन्होंने राहुल गांधी को दो बार चुनकर गलती की.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news