PFI News: नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) और देश भर की कई राज्यों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अब तक पीएफआई के 100 से ज्यादा सदस्यों को देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.
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Home Ministry: देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में हाल ही में गृह मंत्रालय से बैन हुए पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) के समर्थन में आतंकी संगठन ISIS आ गया है. आतंकी संगठन ISIS की माउथपीस कही जाने वाली वॉइस आफ खुरासान (Voice of Khorasan) नाम की मैगजीन में पीएफआई मेंबर्स से ISIS संगठन से जुड़ने के लिए कहा गया है. मैग्जीन में पीएफआई मेंबर्स से कहा गया है कि वो इस्लामिक स्टेट के Black Flag के बैनर तले शामिल हो जाएं.
अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस ( Islamic State in Khorasan Province) यानी ISKP आतंकी संगठन की 45 पेज की माउथपीस मैग्जीन में पीएफआई को लेकर ‘Crackdown on Popular Front of India: Lessons for Indian Muslims’ शीर्षक नाम से एक आर्टिकल पब्लिश किया गया है.
आर्टिकल में भारत में हाल ही में सिमी और पीएफआई पर पुलिस कार्रवाई का विरोध किया गया है. मैग्जीन में कहा गया है कि भारत सरकार निर्दोष मुस्लिमों को परेशान करने के लिए ऐसी कार्रवाई कर रही है.
पीएफआई की तारीफ करते हुए मैग्जीन में कहा गया है कि दुनिया के कई देशों में पीएफआई के मेंबर्स ने Tawheed से जुड़ कर शहादत दी है.
पीएफआई के 100 से ज्यादा सदस्य अब तक गिरफ्तार
नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) और देश भर की कई राज्यों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अब तक पीएफआई के 100 से ज्यादा सदस्यों को देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.
पिछले दिनों महाराष्ट्र पुलिस ने पीएफआई के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर कर कहा है कि पीएफआई साल 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की साजिश रचने में लगा है.
भारत में अपना नेटवर्क मजबूत करना चाहता है ISJK
जानकारों के मुताबिक ISJK भारत में अपने नेटवर्क को मजबूत करना चाहता है ऐसे में वो मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवाश कर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उकसा रहा है.
बता दें पीएफआई के खिलाफ देश भर में हुए छापे के दौरान पीएफआई के कई ठिकानों से बम और हथियार बनाने से जुड़े दस्तावेज़ मिले थे.
पीएफआई ने बनाया था हिट स्क्वाड
पीएफआई के कुछ ठिकानों पर कराटे ट्रेनिंग और हथियारों की ट्रेनिग दिलाए जाने की भी जानकारी सामने आई थी. यही नहीं एनआईए के मुताबिक पीएफआई ने हिट स्क्वाड भी बनाया हुआ था जिसके जरिये संघ और बीजेपी से जुड़े नेताओं को जान से मारने की साजिशें रची जाती थी.
जांच एजेंसियों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में खासतौर पर दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में हिट स्क्वाड के जरिये कुछ लोगों की हत्या भी कराई जा चुकी है. आतंकी संगठन ISJK की नजर अब पीएफआई के मेंबर्स पर हैं.
प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) पर छापे से पहले खुफिया एजेंसियों ने पीएफआई के सभी बड़े नेताओं की करेंट लोकेशन की पुख्ता जानकारी जुटाई थी.
पीएफआई के जिन नेताओं के यहां छापे डाले जाने थे उनका जीपीएस लोकेशन पिन-प्वाइंट कर एनआईए और ईडी को मुहैया कराई गई थी जिससे रेड के लिए जाने वाली टीम सही ठिकाने पर कारवाई करे.
बेहद सीक्रेट थी पीएफआई के खिलाफ की गई कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए कई महीनों से पीएफआई के हर बड़े काडर पर खास नजर रखी जा रही थी. पीएफआई के खिलाफ किये जाने वाली कार्रवाई की सीक्रेसी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रेड से कुछ ही घंटे पहले राज्यों की पुलिस को इसकी जानकारी शेयर की गई थी.
केन्द्रीय सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, पीएफआई के खिलाफ रेड से पहले रात को 12 बजे राज्यों की पुलिस के साथ पीएफआई के खिलाफ की जाने वाली जानकारी शेयर की गई थी जिससे रेड की जानकारी बाहर लीक न हो.
पीएफआई नेताओं की जीपीएस लोकेशन एनआईए और ईडी की टीम को दिए गए थे जिससे छापे करने वाली टीम कहीं गलती से गलत लोकेशन पर रेड न कर दे. देश के कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से लगातार हिंसा और आतंक से जुड़े मामलों में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया यानी पीएफआई से जुड़े संदिग्धों का नाम सामने आने से सुरक्षा एजेंसियां चिंतित थी.
उत्तर प्रदेश, कर्नाटक ,केरल जैसे राज्यों में हुए हिंसा में पीएफआई से जुड़े आरोपियों का नाम सामने आने से ये जरुरी हो गया था कि उस पर कड़ी कारवाई की जाये.
गृहमंत्री के निर्देश पर हुई थी पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई
गृह मंत्री अमित शाह पीएफआई पर कारवाई करने का मन बना चुके थे. सबसे पहले पिछले साल 29 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी चीफ तपन डेका समेत रॉ चीफ सामंत गोयल भी मौजूद थे.
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने सभी एजेंसियों को ये निर्देश दिया कि पीएफआई और उससे जुड़ी गतिविधियों की जानकारी इकट्ठी की जाये. सभी एजेंसियों को अलग अलग जानकारियों को इकट्ठा करने को कहा गया. पीएफआई के खिलाफ ऑपरेशन का कोड नेम ऑपरेशन ऑक्टोपस रखा गया.
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