Prayagraj Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज की दीवारें गाएंगी महाकुंभ गाथा, 10 लाख स्क्वायर फिट में छपेगा इतिहास
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Prayagraj Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज की दीवारें गाएंगी महाकुंभ गाथा, 10 लाख स्क्वायर फिट में छपेगा इतिहास

Prayagraj Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज की दीवारों पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम, श्रीकृष्ण और भोलेनाथ का भी चित्रण किया जाएगा.  10 लाख स्क्वायर फिट में महाकुंभ का इतिहास छापा जाएगा.

Mahakumbh 2025 Prayagraj

मुहम्मद गुफरान/प्रयागराज: संगम नगरी में साल 2025 में महाकुंभ मेला लगने वाला है. इसे लेकर एक के बाद एक तैयारियां की जा रही हैं. इन्हीं तैयारियों में से एक ये है कि शहर की दीवारें महाकुंभ के दौरान धर्म और अध्यात्म की अलख जगाएंगी. वो इस तरह कि महाकुंभ के इतिहास का चित्रण शहर की इन दीवारों पर किया जाएगा. संत ऋषि किस तरह से कुंभ की परंपरा आगे लेकर बढ़े, इस यात्रा का चित्रण इन दीवारों पर किया जाएगा जिससे श्रद्धालु रूबरू हो पाएंगे. 

महांकुभ के बारे में चित्रण 
लगभग 18 करोड़ के बजट से शहर और महाकुंभ की ओर जाती सड़कों के किनारे की दीवारों पर भव्य चित्रण किया जाएगा. इन चित्रण में संत महत्मा और सनातन संस्कृति से संबंधित चित्रण श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनेंगे. विशेष ये होगा कि इस चित्रण में भगवान राम के साथ ही श्रीकृष्ण को दर्शाने की योजना है. समुंद्र मंथन से लेकर कुंभ के परंपरा की शुरू होने तक की यात्रा को इन चित्रण द्वारा समझाया जा सकेगा.

गंगा और उसके जीव जंतुओं को दर्शाया जाएगा
अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने जानकारी दी है कि मेला क्षेत्र के साथ ही शहर के प्रमुख स्थलों की दीवारें व फ्लाईओवर भगवान राम, श्रीकृष्ण, भगवान भोलेनाथ के साथ ही देवी-देवताओं के बारे में बखान भी करेंगी. उन्होनें ये भी जानकरी दी कि पेंट माई सिटी के अंतर्गत इस बार देवी देवताओं के अलावा गंगा अवतरण की पूरी कथा और इनमें पलने वाले जीव जंतुओं को दर्शाया जाएगा. 

करीब 10 लाख स्क्वायर फीट की दीवार पर चित्रण
अधिकारी ने ये भी बताया कि करीब 10 लाख स्क्वायर फीट की दीवार पर इसका चित्रण होने वाला है. जिसके पहले चरण के कार्य की शुरुआत मेला प्राधिकरण कार्यालय से शुरू भी कर दिया गया है. अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी के अनुसार पेंट माई पेंट सिटी के अंतर्गत कुल आठ संस्थाओं का चुनाव इस पूरे कार्य के लिए किया जाना है. ये संस्थाएं मुंबई, पुणे, राजस्थान समेत अन्य जगहों की है. इसके साथ ही इलाहाबाद विश्विद्यालय के साथ ही ट्रिपल आईटी के साथ ही बीएचयू के कई बद्धिक शैक्षिक लोगों को भी इससे जोड़ दिया गया है. बाहरी संस्थाओं को इसमें 20 फीसदी स्थानीय कलाकार रखने के लिए कहा गया है ताकि स्थानीय कलाकारों को भी व्यवसाय के रास्ते मिल सकें.

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