UP Lok Sabha Election Results 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में सपा ने बेहतर प्रदर्शन किया है. यादव बेल्ट की सभी सीटों पर सपा लगातार बढ़त बनाए हुए है.अखिलेश यादव के पांच बड़े दांव काम करते दिख रहे हैं.
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UP Lok Sabha Election Results 2024: उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव को लेकर सामने आ रहे रुझानों में समाजवादी पार्टी बहुत ही शानदार प्रदर्शन करते हुए दिखाई दे रही है. यूपी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के परिवार से पांच सदस्य चुनाव मैदान में हैं. मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद, बदायूं और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर यादव परिवार के सदस्य चुनाव मैदान में हैं. इन सभी सीटों पर यादव परिवार आगे चल रहा है. आइए जानते हैं अखिलेश यादव के कौन से वो पांच दांव हैं जिसने विपक्षी की नींद उड़ा दी है.
यूपी में मिली अखिलेश को संजीवनी, पूर्वांचल से यादव बेल्ट तक लोकसभा चुनाव में सपा की साइकिल खूब चली
अखिलेश यादव के पांच बड़े दांव
1. कोर यादव वोटबैंक वाली सपा ने इस बार सिर्फ 5 यादवों को टिकट दिया वो भी सिर्फ परिवार के जिताऊ प्रत्याशियों को
2. अखिलेश ने पूरे चुनाव प्रचार में बसपा को वोट कटवा पार्टी और बीजेपी समर्थक साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी
3. अखिलेश यादव ने 2019 से सबक लेते हुए कांग्रेस के भारी दबाव के बावजूद बसपा से गठबंधन नहीं किया. पिछली बार गठबंधन में सपा की बजाय बसपा को ज्यादा फायदा हुआ औऱ वो 10 सीट जीती थी
4. सपा ने सिर्फ चार मुसलमानों को ही टिकट दिया, उसे यह अंदाजा था कि बीजेपी के खिलाफ सीधी लड़ाई में मुस्लिमों के पास सपा को वोट देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इससे अन्य जातियों का वोट बंटोरने में सपा को आसानी रही
5. अखिलेश यादव का PDA फार्मूला सफल रहा. पार्टी ने 45 के करीब प्रत्याशी पिछड़ा दलित वर्ग से उतारे. पूर्वांचल की कई सीटों पर दिग्गज नेताओं के बेटे बेटियों को भी टिकट देने से गुरेज नहीं किया.
मैनपुरी में कायम जलवा
2022 में सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद जब मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हुआ था तो अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को यहां से चुनाव मैदान में उतारा. तब सपा के पक्ष में सहानुभूति की जबरदस्त लहर देखने को मिली थी और डिंपल यादव को 2.88 लाख वोटों से जीतीं.
2019 लोकसभा
2014 के बाद लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में प्रचंड जीत मिली थी. प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 62 पर भाजपा को जीत मिली थी. बसपा को 10 सीटें और समाजवादी पार्टी को 5 सीटें मिली. बीजेपी की सहयोगी दल अपना दल सोनेलाल भी 2 सीटें, कांग्रेस केवल एक सीट जीतने में कामयाब रही. 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सपा बसपा और रालोद के संयुक्त गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर मुलायम सिंह यादव ने चुनाव लड़ा था तब वह 94 हजार वोटों से जीते थे.
2014 लोकसभा में सपा का प्रदर्शन
साल 2014 का इलेक्शन सपा के लिए हर मायने में खराब रहा है. 78 सीटों पर लड़ने वाली पार्टी सिर्फ 5 सीटें जीत पाई और उसका मत प्रतिशत भी घटा. इस चुनाव में सपा को 22.35 फीसदी वोट मिले थे. इस इस दौरान राज्य में अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा की सरकार भी थी.
2017 विधानसभा चुनाव में सपा का प्रदर्शन
2017 विधानसभा चुनाव का इतिहास बता रहा है कि सपा का सामाजिक न्याय का कारगर फार्मूला कांग्रेस के साथ आते ही फ्लाप हो गया था. वोट बैंक के सियासी गणित के मोटे फार्मूले के आधार पर यह कयास थे कि दोनों पार्टियों का गठबंधन जीत का आधार बनेगा लेकिन हुआ इसका उलटा.उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को भारी नुकसान हुआ था. सपा सत्ता से बाहर हुई थी और कांग्रेस भी बस वजूद बचाती नजर आई थी. 2017 विधानसभा में सपा ने 47 सीटें जीतीं थी.
2022 विधानसभा चुनाव में सपा का प्रदर्शन
सपा का बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन अब तक के पार्टी के चुनावी दौर में सबसे खराब रहा था. सपा वोट प्रतिशत पहली बार 20 फीसदी से भी कम हो गया.फिर साल 2019 के चुनाव में बसपा के सा लड़ने वाली सपा 37 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी और सिर्फ 5 सीट जीती. गठबंधन के बावजूद उसका वोट प्रतिशत सिर्फ 18.11 फीसदी ही रहा. यानी देखा जाए तो सपा के बीते चार चुनाव में हर बात जनाधार कम होता गया. सपा 2022 विधानसभा चुनाव में 347 सीटों पर चुनाव लड़ी और 111 सीट मिलीं.
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