Lucknow News: सर्जरी हॉस्पिटल में कराओ पर सामान बाहर से लेकर आओ,UP के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज KGMU का हाल
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Lucknow News: सर्जरी हॉस्पिटल में कराओ पर सामान बाहर से लेकर आओ,UP के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज KGMU का हाल

Lucknow News: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मरीजों को सर्जरी के लिए आवश्यक धागे (सूचर) बाहर से खरीदने की समस्या हो रही है. केजीएमयू में हर दिन 200 मरीजों को सूचर की जरूरत होती है, लेकिन पिछले एक साल से इसकी उपलब्धता कम हो गई है. 

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मयूर शुक्ला/लखनऊ: लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां इलाज कराने वाले मरीजों को सर्जरी के दौरान इस्तेमाल होने वाले धागे, जिसे ‘सूचर’ कहा जाता है, खुद बाहर से खरीदना पड़ रहा है.

मामला पहुंचेगा राजभवन 
दरअसल, केजीएमयू में हर दिन करीब 200 मरीजों को सर्जरी के दौरान टांका लगाने के लिए सूचर की जरूरत होती है. यह सूचर सामान्यत: सेंट्रल स्टोर से सप्लाई किए जाते हैं, लेकिन पिछले एक साल से इनकी उपलब्धता में भारी कमी आ गई है. सर्जरी शुल्क जमा करने के बावजूद मरीजों को बाहर से 250 से 300 रुपये खर्च कर सूचर खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. हाल ही में डेंटल विभाग के एक मरीज ने इस समस्या की शिकायत विभागाध्यक्ष और अन्य उच्च अधिकारियों से की. यह मामला इतना गंभीर हो गया कि शिकायत की प्रति सीधे राजभवन को भेजने का दावा किया गया है.

डॉक्टर सुधीर सिंह का बयान
केजीएमयू के PRO डॉक्टर सुधीर सिंह ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकारते हुए कहा, "इतना बड़ा संस्थान होने के कारण कभी-कभी कमियां हो जाती हैं. इस मामले को संज्ञान में लेकर शिकायत दर्ज कर दी गई है और जल्द ही सूचर उपलब्ध कराए जाएंगे" हालांकि, इस बयान के बाद भी मरीजों और उनके परिवारों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है.

पिछले डेढ़ साल से हो रही है समस्या
सूत्रों की मानें तो समस्या का असली कारण सेंट्रल स्टोर में टेंडर की प्रक्रिया का न होना है. पिछले एक से डेढ़ साल से सूचर की खरीद के लिए टेंडर जारी नहीं हुआ है. बड़ी मात्रा में एक साथ सूचर की खरीद से बाजार दर से भी सस्ता सामान मिल जाता है, जबकि विभागीय स्तर पर छोटे स्तर की खरीदारी में कीमतें बढ़ जाती हैं और इसके चलते बाद में ऑडिट में आपत्तियां भी आ जाती हैं. इसी डर के कारण अधिकारी व्यक्तिगत स्तर पर खरीदारी करने से बचते हैं. इस मामले की पड़ताल में ज़ी मीडिया ने भी पाया कि न सिर्फ सूचर बल्कि अन्य कई जरूरी मेडिकल सामग्री भी मरीजों को बाहर से लानी पड़ रही है.

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