Ahoi Ashtami 2023: अहोई अष्टमी एक पर माएं बच्चों की तरक्की और दीर्घायु के लिए देवी अहोई या अहोई माता का आशीर्वाद पाने के लिए मनाया जाता है... इस दिन माएं बच्चों के लिए दिन भर व्रत रखती हैं, शाम को तारों को देखने के बाद व्रत खोलती हैं...
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Ahoi Ashtami 2023: हिंदू त्योहारों में अहोई अष्टमी एक बड़ा त्योहार माना जाता है. खासकर हिंदू महिलाओं के लिए इसका विशेष महत्व है. जैसे तीज और करवाचौथ पर पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा जाता है उसी तरह अहोई अष्टमी व्रत महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और तरक्की के लिए करती है. अहोई अष्टमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस लेख में जानते हैं इस साल अहोई अष्टमी व्रत किस दिन रखा जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है.
कब है अहोई अष्टमी 2023?
5 नवंबर 2023
अष्टमी तिथि का प्रारंभ-समाप्ति समय
05 नवंबर, दोपहर 1:00 बजे से शुरू
06 नवंबर, सुबह 3:18 बजे तक
तारों को देखने का समय
रविवार-5 नवंबर- शाम 05:58
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अहोई अष्टमी का महत्व
अहोई अष्टमी का त्योहार महिलाओं के लिए काफी महत्व रखता है. हिंदू समुदाय, विशेषकर माताओं के लिए गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखताहै. अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपने बच्चों की सेहत और लंबी उम्र के लिए करती हैं. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से मां खुश होती हैं और बच्चों के स्वास्थ्य, खुशी और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. इस दिन माएं व्रत रखती हैं और शाम को तारों को देखने के बाद व्रत खोलती हैं.
पूजा विधि
इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. मां का ध्यान करें. घर की एक दीवार को अच्छी तरह से साफ करें. इस दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाएं. आप तस्वीर बनाने के लिए मिट्टी या चॉक के साथ सिंदूर का इस्तेमाल कर सकती हैं. तस्वीर न बना पाएं तो आप बाजार से कलेंडर भी ला सकती है. अहोई माता की तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं. मां अहोई को हलवा, पूरी, मिठाई, आदि का भोग लगाएं. फिर अहोई माता की कथा पढ़ें या सुनें. मंत्रों का जाप करते हुए मां से प्रार्थना करें कि अहोई माता आपके बच्चों की हमेशा रक्षा करें. शाम को तारों का दर्शन कर उसे जल देने के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है. जल देने के बाद आप व्रत का पारण कर सकती हैं.
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