Tulsi Mala Wearing Rules In Hindi: तुलसी की माला का बहुत महत्व है. माना जाता है कि तुलसी माला पहनने से बुध और शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं लेकिन अगर इसे धारण करने के नियम नहीं जानते तो इसके गलत प्रभाव भी जीवन पर पड़ सकते हैं.
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Vastu For Tulsi Mala: हिंदू धर्म में तुलसी और तुलसी माला का बहुत महत्व बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का साक्षात वास होता है. तुलसी के पौधे से लोगों की आस्था जुड़ी है तो वहीं इसके कई औषधीय गुण है जिससे सेहत संबंधी लाभ लिया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर तुलसी दल का भी बहुत महत्व है लेकिन इसकी लकड़ी का भी कम महत्व नहीं है. तुलसी की लकड़ी से बनी माला जिसे तुलसी माला कहते हैं, इस माला को पहनने से हर तरह के कष्टों से व्यक्ति को छुटकारा मिल सकती है. इससे धार्मिक और सेहत से जुड़े लाभ पा सकते हैं. तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति का शुक्र और बुध दोनों मजबूत होता है. मन को शांति मिलती है. आइए जानें वास्तु के मुताबिक तुलसी की माला पहनते समय या पहनते हुए कुछ किन नियमों का पालन करना चाहिए.
तुलसी की माला पहनने के नियम
तुलसी दो तरह की होती है- रामा तुलसी और श्यामा तुलसी.
तुलसी माला धारण करने वाले सात्विक भोजन ही ग्रहण कर सकते हैं. मांस-मदिरा से दूर रहना होगा. लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित है.
तुलसी की माला को पहनने से पहले उसे अच्छी तरह से गंगाजल से धोएं. सूख जाने पर पहने.
तुलसी की माला हाथों से बनाकर पहनना शुभ माना जाता है.
तुलसी की माला धारण करने वाले वालों को विष्णुजी के मंत्रों का जाप करना चाहिए.
तुलसी की माला पहनने के बाद रुद्राक्ष नहीं धारण कर सकते हैं. इससे अशुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है.
अगर किसी कारण गले में तुलसी की माला धारण नहीं कर सकते हैं तो दाएं हाथ में इसे धारण कर सकते हैं
हाथ में तुलसी माला धारण करने पर इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि नित्य क्रिया करने से पहले इसे उतारे और फिर स्नान के बाद गंगाजल से धोकर इसे दारण कर लें.
डिस्क्लेमर-यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं.कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता. इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं.