Indian History: इस जगह छुपाकर रखी गई है संजीवनी बूटी, जानें इन विशेष चमत्कारी वस्तुओं के रहस्य
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Indian History: इस जगह छुपाकर रखी गई है संजीवनी बूटी, जानें इन विशेष चमत्कारी वस्तुओं के रहस्य

Hindu Dharma History: पौराणिक काल में अनेक ऐसी वस्तुएं थी जो देवताओं के लिए भी किसी चमत्कार से कम नहीं थीं. कहते हैं ये आज भी किसी विशेष स्थान पर सुरक्षित रखी हुई हैं.  जानें अब कहां हैं देवताओं की ये प्रिय वस्तुएँ. 

 

sanjeevani buti(File Photo)

Sanatan Dharma History: हमारे वेद, पुराणों में ऐसे हजारों घटनाक्रम और वस्तुओं के बारे में वर्णन मिलता है जिन पर आज यकीन करना मुश्किल हो जाता है. भारत देश को योग, ध्यान, अध्यात्म, रहस्य और चमत्कारों का देश कहा जाता है. कई बार विज्ञान इन रहस्यों को सुलझा लेता है और कई बार यह पहेली बनी रहती हैं कि ये वस्तुएं थीं भी या नहीं. यहां आपको ऐसी ही विशेष वस्तुओं के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है. 

1  कल्पवृक्ष- समुद्र मंथन के 14 रत्नों में से एक कल्पवृ‍क्ष की भी उत्पत्ति हुई थी.  यह वृक्ष देवराज इन्द्र को दे दिया गया था और इन्द्र ने इसकी स्थापना 'सुरकानन वन' (हिमालय के उत्तर में) में कर दी थी. वेद और पुराणों में कल्पवृक्ष का उल्लेख मिलता है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस वृक्ष के नीचे बैठकर कोई भी देव, दानव या इंसान जो भी इच्छा करता है, वह पूर्ण हो जाती है. पल भर में मनोकामना पूर्ती के लिए देवता कल्पवृक्ष के नीचे अपने मन की बात कहते थे. कल्पवृक्ष को कल्पवृक्ष इसलिए कहा जाता है कि इसकी उम्र एक कल्प बताई गई है. एक कल्प 14 मन्वंतर का होता है और एक मन्वंतर लगभग तीस करोड़ (30,84,48,०००) वर्ष का होता है.  इसका मतलब कल्प वृक्ष प्रलयकाल में भी जिंदा रहता है. कुछ विद्वान मानते हैं कि पारिजात के वृक्ष को ही कल्पवृक्ष कहा जाता है. माना जाता है कि धरती के किसी न किसी कोने में आज भी कल्पवृक्ष कहीं न कहीं जरूर होगा. 

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2 . संजीवनी बूटी - यह एक ऐसी जड़ी है जिसको खाने से जब तक उसका असर रहता है, तब तक व्यक्ति गायब रह सकता हैं.  इस बूटी के सेवन करने से व्यक्ति को भूत-भविष्‍य का ज्ञान हो जाता है. रामायण में भी जिक्र है कि भगवान लक्ष्मण को शक्ति लगती और वह मूर्छित हो जाते हैं तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लाते हैं. इसी बूटी से दवा बनाकर उनके प्राण बच पाते हैं. आयुर्वेद और अथर्ववेद में उल्लेख है कि इस तरह की जड़ी-बूटियां होती हैं इनसे न केवल अनेक रोग दूर होते हैं बल्कि जिसके प्रयोग से सोना भी बनाया जा सकता है. माना जाता है कि आज भी संजीवनी बूटी से धन, यश, कीर्ति, सम्मान आदि सभी कुछ पाया जा सकता है. हिमालय की किसी कोने में यह जड़ी बूटी आज भी सुरक्षित है. 

3 . कामधेनु गाय - हिंदू पुराणों में कामधेनु गाय का जिक्र मिलता है. जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया था, तो उसमें से 14 मूल्यवान रत्न निकले थे. इन मूल्यवान चीजों में एक कामधेनु गाय भी थी, जिसको देवताओं ने प्रणाम किया और स्वर्ग में स्थान मिला. मान्यता है कि सबसे पहले कामधेनु गाय ऋषि वशिष्ठ के पास थी. कामधेनु गाय पाने की मंशा से कई बार दानवों ने ऋषि वशिष्ठ के साथ युद्ध किया. लेकिन, सभी को हार का सामना करना पड़ा था. कुछ जगह ऐसा भी लिखा गया है कि भगवान परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि के पास भी कामधेनु गाय थी. माना जाता है कि जिसके पास भी कामधेनु गाय होती थी, उसकी सब इच्छाएं पूरी होती थी और वह अद्भुत बलशाली होता था. आक्रमणों से तंग आकर कामधेनु गाय स्वर्ग चली गई, आज भी कामधेनु गाय सबकी पूजा से प्रसन्न होती है और सबकी मनोकामना पूर्ण करती है.

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