ढाई करोड़ बार लिख डाला सीताराम का नाम, अयोध्या के रामलला मंदिर में रखी जाएगी ये पवित्र पुस्तक
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ढाई करोड़ बार लिख डाला सीताराम का नाम, अयोध्या के रामलला मंदिर में रखी जाएगी ये पवित्र पुस्तक

Ayodhya Ram Mandir :  अलीगढ़ में ताला कारोबारी की 70 वर्षीय पत्नी शशि शर्मा पिछले 30 साल में ढाई करोड़ बार पुस्तकों पर सीताराम लिख चुकी हैं. इतना ही नहीं लिखने का यह सिलसिला उनका अभी भी जारी है. एक पुस्तक पर 2930012 बार सीताराम लिखती हैं. 

Shashi Sharma

Ayodhya Ram Mandir : अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है. मंदिर का उद्घाटन जनवरी 2024 में होना है. इसे लेकर रामभक्‍त उत्‍साहित हैं. यूपी के अलीगढ़ की 70 वर्षीय महिला ने 30 साल में ढाई करोड़ बार 'सीताराम' लिख डाली. सीताराम से लिखी यह पुस्‍तक अयोध्‍या के रामलला के गर्भ गृह में रखी जाएगी.     

अभी तक जारी है लिखने का सिलसिला 
दरअसल, अलीगढ़ में ताला कारोबारी की 70 वर्षीय पत्नी शशि शर्मा पिछले 30 साल में ढाई करोड़ बार पुस्तकों पर सीताराम लिख चुकी हैं. इतना ही नहीं लिखने का यह सिलसिला उनका अभी भी जारी है. एक पुस्तक पर 2930012 बार सीताराम लिखती हैं. यानी एक पेज पर 337 बार लिखा जाता है. अब तक उनकी लिखी हुई 860 पुस्तकें अयोध्या पहुंच गई हैं. 

महंत नृत्य गोपाल दास से मिली थी प्रेरणा 
यह प्रेरणा उन्होंने 30 साल पहले अयोध्या रामलला मंदिर के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से ली थी. हर वर्ष से लिखी हुई पुस्तकें महंत जी के पास अयोध्या पहुंचा दी जाती हैं. यह सभी पुस्तकें रामलला के गर्भ गृह में रखी जाएंगी. उन्होंने कहा है कि मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है और अब मेरा सपना पूरा होगा. 

आसपास के लोग भी शामिल 
ताला कारोबारी सतीश शर्मा की पत्नी शशि शर्मा ने बताया कि यह सभी पुस्तकें अयोध्या से खाली आती हैं, हम लोग 30 साल से महाराज जी से जुड़े हुए हैं. उन्हीं की प्रेरणा से मैंने लिखना शुरू किया है. आसपास के और भी बहुत सारे लोग यह कार्य कर रहे हैं.  

15 दिन में एक कॉपी लिख देती हैं 
शशि शर्मा ने बताया कि अयोध्या गए थे वहां से कॉपियां मंगाईं, अब हम वहां से खुद ही कॉपी लेकर आते हैं और खुद ही जमा करके आते हैं. भगवान राम की कृपा बनी रहेगी तो आगे भी लिखती रहूंगी. एक कॉपी में सीताराम 29312 बार लिखते हैं. कभी एक कॉपी 15 दिन में भी लिख दी जाती है, कभी एक हफ्ते में भी लिख देती हूं. महीने में कभी दो भी लिख दी जाती हैं. 

जल्‍द विराजमान हों रामलला 
शशि शर्मा ने बताया कि हर साल 20 पुस्तक अयोध्‍या पहुंचाती हूं. ऐसा करने से मन को तसल्ली मिलती है. अब बस एक ही सपना है कि जल्‍दी से रामलला विराजमान हों. सतीश शर्मा और उनकी पत्नी शशि शर्मा की मुलाकात महाराज जी से उस वक्त हुई थी, जब महाराज जी उनके घर 30 वर्ष पहले अलीगढ़ आए थे. 

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