Rishikesh ki Ramleela: ऋषिकेश के बनखंडी में इन दिनों रामलीला का मंचन किया जा रहा है. बनखंडी में 1955 से स्थापित पौराणिक बनखंडी श्री रामलीला कमेटी द्वारा किए जा रहे रामलीला के पांचवें दिन भगवान श्री रामचंद्र माता कैकयी और पिता दशरथ की आज्ञा मानकर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों के लिए वन की ओर गए. यह दृश्य देख पंडाल पर मौजूद भक्तों की आंखों से अश्रु छलक जाते हैं.
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गणेश रयाल/ ऋषिकेश: बनखंडी स्थित रामलीला मैदान में पांचवे दिन की लीला में श्रीराम वनवास दिखाया गया. कमेटी के महामंत्री हरीश तिवाड़ी ने बताया कि अयोध्या में श्री राम के राजतिलक की तैयारी की जाती है. तभी कैकयी की दासी मंथरा षड्यंत्र रच कर के कई को बहला फुसला ने में सफल हो जाती है. इसके बाद कैकई कोप भवन में चली जाती है. राजा दशरथ निराश होने का कारण पूछते हैं. इस पर कैकयी पूर्व में दिए गए दो वरों की याद दिलाती है, पहले वर में अपने पुत्र भरत को राजतिलक और दूसरे वर में श्रीराम को 14 वर्षो का वनवास मांग लेती है, इसके बाद श्री राम माता कौशल्या से आज्ञा मांगने जाते है तभी माता सीता भी वन जाने की जिद करती है, काफी समझाने के बाद भी नहीं मानने पर माता कौशल्या श्रीराम को सीता को भी अपने साथ ले जाने को कहती है.
भरत को राजतिलक और श्रीराम को वनवास
लक्ष्मण, भरत को राजतिलक और श्रीराम को वनवास की बात सुनकर क्रोधित हो उठते है. इस पर श्रीराम उन्हें समझाते हैं, तब लक्ष्मण भी वन में साथ जाने की जिद करते है. श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण तपस्विनी वेशभूषा पहनकर वनों की ओर प्रस्थान करते हैं.
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