2006 में मेयर के चुनाव के दौरान एक जनसभा में चंद मिनटों का दिया भाषण. अलीगढ़ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने धारा 144 का दोषी ठहराया.
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अलीगढ़ : अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चाओं में बने रहने वाले अलीगढ़ के पूर्व सपा विधायक को न्यायालय ने 16 साल पुराने एक मामले में दोषी ठहराया है. न्यायालय ने पूर्व विधायक को 3 माह की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने पूर्व विधायक पर 1 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, अलीगढ़ से समाजवादी पार्टी के 2 बार विधायक रहे जमीर उल्लाह 2006 में मेयर का चुनाव लड़ रहे थे. इस दौरान पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने ऊपरकोट कोतवाली इलाके में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया था. पुलिस ने चुनाव के दौरान धारा 144 का उल्लंघन करने के मामले में जमीर उल्लाह पर मुकदमा दर्ज किया था. इसी 16 साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक को दोषी ठहराया है.
एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
एमपी-एमएलए कोर्ट ने कहा कि पूर्व विधायक की ओर से अगर अर्थ दंड जमा नहीं किया जाता तो ऐसी स्थिति में पूर्व विधायक को 5 दिन का और साधारण कारावास काटना होगा. बता दें कि शनिवार को एमपीएमएलए कोर्ट ने धारा 144 के उल्लंघन यानि 188 के तहत पूर्व विधायक को 3 माह की सजा और एक हजार रुपये जुर्माने लगाया है.
पूर्व में दे चुके हैं विवादित बयान
इससे पहले योगी सरकार द्वारा चलाए गए अवैध मदरसों को लेकर अभियान के दौरान भी पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने विवादित बयान दिया था. समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने शासन-प्रशासन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर जांच के बाद मदरसों पर पाबंदी लगाने की कोशिश की गई, तो घर-घर में मदरसे खोले जाएंगे.