आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने लगाया प्रमोशन में धांधली का आरोप, सीएम से एक्शन की मांग
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1430231

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने लगाया प्रमोशन में धांधली का आरोप, सीएम से एक्शन की मांग

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जनपद में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने नियमों में अनदेखी कर प्रमोशन दिए जाने का आरोप लगाया है. कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर सीएम से दखल की मांग की है.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने लगाया प्रमोशन में धांधली का आरोप, सीएम से एक्शन की मांग

सतीश कुमार/जसपुर: एक ओर जहां उत्तराखंड में विधानसभा एवं अन्य भर्ती घोटाले को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब भी जारी है. वहीं अब उधम सिंह नगर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सुपरवाइजर पद पर प्रमोशन के मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है. इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. जसपुर में आंगनवड़ी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है. इसमें निष्पक्ष जांच कर भर्ती को निरस्त कराने की मांग की गई है. 

ज्ञापन में कहा गया है कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संख्या C-2358 के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति हेतु आवेदन मंगाए गए थे. इसके चयन क्रम में दस्तावेज सत्यापन चैन रैंडम के आधार पर किया गया. ऐसे में नियुक्ति के आधार निराधार है.

यह भी पढ़ेंअयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा स्नान की तैयारी, चंद्रग्रहण की वजह से जानें कब बंद होंगे मठ-मंदिर
भविष्य से खिलवाड़ का आरोप
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मीडिया को यह भी बताया कि पारदर्शिता के साथ वरिष्ठ एवं ईमानदार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के भविष्य से खिलवाड़ किया गया. यह उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने वाला है. कार्यकर्ताओ ने  मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए हुए कहा कि चयन प्रक्रिया को लॉटरी सिस्टम से हटाकर योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर कराया जाए. पारदर्शिता के तहत चयन सूची दोबारा जारी की जाए. इससे विभाग को योग्य कर्मचारी भी प्राप्त होगा और कार्यकर्ताओं का मनोबल एवं अच्छे से कार्य को प्रोत्साहन भी मिल सकेगा. कुछ दिन पहले ही उत्तराखंड विधानसभा में हुईं भर्तियों की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया था. इसकी रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर 2016 में हुईं 150 तदर्थ नियुक्तियां, 2020 में हुईं छह तदर्थ नियुक्तियां, 2021 में हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियां और दो लगभग दो दर्जन अन्य नियुक्तियां रद्द कर दी गईं थी. हालांकि प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर अब हाईकोर्ट ने रोक लगाई जा चुकी है.

 

Trending news