Wheat Crop : उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों से हुआ खुलासा. दिसंबर 2021 में गेहूं का अखिल भारतीय औसत थोक मूल्य 2,212 रुपये प्रति क्विंटल था.
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UP News : देश इस वक्त गेहूं और आटे की महंगाई का संकट एक साथ झेल रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं की थोक बाजार (Wheat Price) में ही कीमतों में एक चौथाई का इजाफा आ चुका है. आलम यह है कि आटा (Flour Price) तो बाजार में मिल रहा है, लेकिन अगर कोई गेहूं लेना चाहे तो कीमत काफी ऊंची है. पिछले रबी के सीजन में समय से पहले गर्मी पड़ने के कारण गेहूं पतला होने और काफी मात्रा में गेहूं खराब होने से यह संकट आन पड़ा है. यही नहीं, चारा भी महंगा है, जिस कारण दूध के दाम (Milk Price) भी लगातार बढ़ रहे हैं. भूसा प्रदेश में 1700 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है.
पिछले वर्ष की तुलना में इस साल गेहूं की थोक कीमतों में तेज बढ़त देखने को मिली है. देश भर में गेहूं का औसत थोक मूल्य नवंबर में 23 फीसदी बढ़कर 2,721 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. वहीं, दिसंबर 2021 में गेहूं का अखिल भारतीय औसत थोक मूल्य 2,212 रुपये प्रति क्विंटल था. इसका खुलासा उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों में किया गया.
रूस-यूक्रेन संकट का भी असर
कीमतों में बढ़त रूस और यूक्रेन संकट के साथ-साथ इस साल गर्मी की जल्द शुरुआत की वजह से फसल पर पड़ने वाला असर के कारण दर्ज हुई है. वहीं, कीमतों में अगले साल नरमी की संभावना है. क्योंकि इस साल गेहूं की बुवाई पिछले साल के मुकाबले बढ़ी है और किसानों ने ऐसे बीजों का ज्यादा इस्तेमाल किया है जिससे मिलने वाली फसल ज्यादा तापमान में भी रह सकती हैं.
गेहूं के उत्पादन में कमी
मंत्रालय के मुताबिक, गेहूं का उत्पादन 2020-21 में 109.59 मिलियन टन से घटकर 2021-22 में 106.84 मिलियन टन हो गया. मध्य प्रदेश, बिहार, यूपी, हरियाणा और राजस्थान जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में मार्च और अप्रैल 2022 में भीषण गर्मी के चलते 2021-22 में गेहूं की अखिल भारतीय उपज 2020-21 में 3,521 किलोग्राम/हेक्टेयर से घटकर 3,507 किलोग्राम/हेक्टेयर हो गई.
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यह रही स्थिति
रबी बाजार सीजन 2022-23 में गेहूं की खरीद 187.92 लाख मीट्रिक टन थी, जो 2021-22 की तुलना में 433.44 लाख मीट्रिक टन कम थी. इस अवधि के दौरान गेहूं का बाजार मूल्य एमएसपी से अधिक था. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2022 से गेहूं का एमएसपी 2,015 रुपये पर स्थिर है. इससे पहले एमएसपी 1,975 रुपये प्रति क्विंटल था.
गर्मी प्रतिरोधी किस्मों के उपयोग को बढ़ावा
मंत्रालय के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से किसानों के बीच गर्मी प्रतिरोधी किस्मों के उपयोग को बढ़ावा देना और सीधे किसानों को बीज उपलब्ध कराना है. इन किस्मों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आईसीएआर के तहत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ व्हीट एंड बरेली रिसर्च (आईआईडब्ल्यूबीआर), करनाल ने बीज उत्पादन के लिए निजी कंपनियों के साथ डीबीडब्ल्यू 187 और डीबीडब्ल्यू 222 के लिए 191 एमओए के लिए 250 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं.
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