8 जून 2011 को बलरामपुर में हुए प्रहलाद पांडे हत्याकांड में कोर्ट का फैसला आ गया है. इस मामले में कोर्ट ने जुर्माने के साथ चार सगे भाईयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
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बलरामपुर: बलरामपुर जिले की एक अदालत ने गैर इरादतन हत्या के एक अपराध में चार सगे भाइयों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. सरकारी अधिवक्ता कुलदीप सिंह ने मंगलवार को बताया कि जिले में देहात थाना क्षेत्र के विशनापुर गांव में गज्जू तथा उसके सगे भाइयों आजाद, जुग्गीलाल तथा मिथुन ने आठ जून 2011 को प्रहलाद पाण्डेय नामक व्यक्ति के साथ मारपीट की थी. इस दौरान उस पर इस कदर हमला किया गया कि स्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चला था
अधिवक्ता कुलदीप सिंह के अनुसार इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था. उन्होंने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश लल्लू सिंह ने इस मामले के दोनों पक्षों को सुनने के बाद सभी चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सोमवार को उन्हें उम्रकैद और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी. लगभग दस साल बाद इस हत्याकांड का फैसला आया है.
दलित युवती से रेप मामले में भी आया फैसला
इसी तरह जिले की त्वरित अदालत (द्वितीय) ने एक दलित किशोरी से दुष्कर्म के करीब 20 साल पुराने एक मामले में आरोपी को आजीवन कारावास तथा 41 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष के अनुसार तुलसीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में वर्ष 2001 में एक दलित किशोरी से बलात्कार किया गया था.
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इस मामले में गुरुदीप सिंह उर्फ राजू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. त्वरित अदालत के न्यायाधीश महेन्द्र कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को आरोपी गुरुदीप सिंह को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास तथा 41 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई.