अनंत देव तिवारी कानपुर में पूर्व एसएसपी रह चुके हैं. उनपर खजांची जय बाजपेई को पूरा संरक्षण देने के आरोप लगे थे. SIT ने अनंत देव को जांच में दोषी ठहराया था. जबकि नीलाब्जा चौधरी ने मामले में अनंत देव तिवारी की भूमिका की जांच कर क्लीन चिट दी थी.
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कानपुर: बिकरू कांड मामले में दोषी पुलिस कर्मियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. IPS नीलाब्जा चौधरी और अनंत देव तिवारी की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शिकायत कर्ता सौरभ भदौरिया को पत्र भेजा है. जॉइंट सेक्रेटरी सहेली घोष और यूपी के मुख्य सचिव DS मिश्रा जांच करेंगे. अनंत देव तिवारी के खिलाफ जय बाजपेई और उसके साथियों के साथ संबंधों की विस्तृत जांच होगी. जबकि अनंत देव को क्लीन चिट देने के मामले आईपीएस नीलाब्जा चौधरी की जांच होगी. जॉइंट सेक्रेटरी और मुख्य सचिव की अलग-अलग समितियां दोनों जांच करेंगी.
अनंत देव तिवारी पर लगे हैं ये आरोप
अनंत देव तिवारी कानपुर में पूर्व एसएसपी रह चुके हैं. उनपर खजांची जय बाजपेई को पूरा संरक्षण देने के आरोप लगे थे. SIT ने अनंत देव को जांच में दोषी ठहराया था. जबकि नीलाब्जा चौधरी ने मामले में अनंत देव तिवारी की भूमिका की जांच कर क्लीन चिट दी थी. गौरतलब है कि बीते महीने गैंगस्टर विकास दुबे की मदद करने के आरोप में जेल में बंद तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और दारोगा केके शर्मा को भी बर्खास्त कर दिया गया है. इससे पहले भी 21 पुलिसकर्मियों को पहले दंड मिल चुका है.
क्या है बिकरू कांड?
चौबेपुर के गांव बिकरू में 2 जुलाई 2020 को विकास दुबे के घर दबिश डालने गई पुलिस टीम पर उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था. जिसमें बिल्हौर के तत्कालीन सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. बाद में पुलिस टीम ने विकास दुबे समेत उसके छह साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.
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