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आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में इस वक्त किसानों को कई समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है, जहां गेहूं की बुवाई चल रही है. किसानों को खाद नहीं मिल पाने की वजह से किसान परेशान है तो वहीं एक ऐसा मामला कानपुर देहात से सामने आया जहां अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. किसानों ने बताया कि जब वह व्यापारी से खाद लेने गए तो व्यापारी ने उर्वरक खाद की जगह उसी रेट पर जैविक खाद दे दी और कहां कि इस बार पैकिंग बदल कर आई है.किसानों ने खाद अपने खेतों में डाल दी जब किसान को बाद में इस बात की जानकारी हुई तो किसान अपना माथा पकड़ कर बैठ गए.
जी मीडिया की टीम हकीकत जानने डेरापुर तहसील क्षेत्र के सरगांव बुजुर्ग गांव पहुंची जहां पर जी मीडिया ने किसानों से बातचीत की तो किसानों ने बताया कि गांव के ही उमेश दीक्षित के यहां से खाद खरीदी थी, लेकिन दुकानदार ने हमारे साथ धोखाधड़ी की है किसानों ने बताया कि दुकानदार ने उर्वरक खाद की जगह उसी रेट पर जैविक खाद दे दी और कहा कि इस बार पैकिंग बदल कर आई है. किसानों ने वो खाद अपने खेतों में भी डाल दी हैं. अब किसानों का कहना कि उनके पैसे तो चले ही गए उसके बाद भी सही खाद खेतों में नहीं पड़ पाई है, जिसको लेकर किसान अब परेशान है कि कहीं उनकी फसल न खराब हो जाए
क्या है पूरा मामला?
गेहूं की बुवाई में डीएपी खाद की आवश्यकता होती है लेकिन जिले में डीएपी खाद न मिलने से किसान काफी परेशान हैं. फिलहाल अभी कुछ दिन पहले तक यहां पर डीएपी खाद पर्याप्त थी, लेकिन अब डीएपी खाद कानपुर में नहीं मिल रही है. डीएपी खाद के मूल्य सरकार ने 1350 रुपए निर्धारित किए हैं, लेकिन खाद की कमी होने की वजह से व्यापारी खाद को अधिक दामों में बेच रहे हैं. वहीं, हैरान कर देने वाली बात तब सामने निकल कर आई जब कुछ किसानों ने बताया कि उन्हें व्यापारी ने डीएपी खाद की जगह जैविक खाद दे दी जो बाजार में 700 से 800 रुपए के बीच मिलती है. वहीं, जैविक खाद व्यापारी ने डीएपी खाद बताकर 1500 से 1600 रुपए तक बेची है. इस मामले में जिला कृषि अधिकारी उमेश गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच करा कर उस व्यापारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.