लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी जहां आक्रामक रणनीति पर काम कर रही है, वहीं उत्तराखंड कांग्रेस आपसी गुटबाजी का शिकार है. कांग्रेस आलाकमान को यहां पर्यवेक्षक भेजना पड़ा है.
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देहरादून : उत्तराखंड कांग्रेस में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं है. हालात इतने खराब हो गए हैं कि कांग्रेस आलाकमान को पर्यवेक्षक के तौर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पीएल पूनिया को उत्तराखंड भेजना पड़ा. सोमवार को पीएल पुनिया के दौरे का तीसरा और अंतिम दिन है इन 3 दिनों में पीएल पुनिया ने लगातार बैठकें की हैं. कांग्रेस के सभी आला नेता इन दिनों पीएल पुनिया से अलग-अलग मीटिंग करने भी पहुंच रहे हैं. पीएल पुनिया ने भी सभी नेताओं से प्रदेश में संगठन की स्थिति के बारे में जानकारी ली है. हालांकि पीएल पुनिया मीडिया के सामने खुलकर कुछ भी बोलने से बचते रहे.
कांग्रेस पार्टी में पिछले 3 दिनों से लगातार बैठकों का सिलसिला चल रहा है. सोमवार को भी केंद्रीय पर्यवेक्षक पीएल पुनिया ने पार्टी के फ्रंटल पदाधिकारियों के साथ में मीटिंग की. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का कहना है कि सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है. पार्टी के भीतर, पार्टी के बाहर जो बयानबाजी हुई है, उस पर भी विचार किया जा रहा है. पार्टी साथ में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन कर रही है. किस तरह से संगठन को मजबूत किया जा सकता है. आगे संगठन को मजबूत करने के लिए और क्या कदम उठाया जा सकता है. इन तमाम पहलुओं पर पार्टी गंभीरता पूर्वक विचार मंथन कर रही है.
कांग्रेस पर्यवेक्षक पी एल पुनिया के दौरे को लेकर कांग्रेस के सभी बड़े नेता भी सक्रिय हैं. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है की पर्यवेक्षक के तौर पर पीएल पुनिया को भेजा गया है क्योंकि वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. संगठन की कार्यप्रणाली को बेहतर तरीके से समझते हैं. पीएल पुनिया लगातार सभी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. कई नेताओं के साथ उनकी वन टू वन बैठक भी हुई है. हालांकि यशपाल आर्य ने कहा कि कांग्रेस में किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है, सभी लोग एकजुट हैं.
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