Poonam Tandon: कौन हैं पूनम टंडन, जो सीएम योगी की सिटी गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति बनीं
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Poonam Tandon: कौन हैं पूनम टंडन, जो सीएम योगी की सिटी गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति बनीं

Gorakhpur News: सीएम योगी की सिटी की गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पूनम टंडन को कुलपति बनाया गया है. हाल ही में वहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कुलपति और अन्य उच्च पदों पर बैठे लोगों के साथ मारपीट की थी.

Poonam tandon DDU Chancellor

Poonam Tandon Chancellor : प्रोफेसर पूनम टंडन को उत्तर प्रदेश की गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक, पूनम टंडन को यूपी में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है. प्रोफेसर पूनम टंडन लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद पर काम कर रही थीं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूनम टंडन की उनकी नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया है. वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रोफेसर वंदना सिंह को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर का कुलपति बनाया गया है.  

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 3 साल के लिए की तैनाती

पूनम टंडन प्रोफेसर राजेश सिंह का कार्यकाल खत्म होने के बाद ये स्थान ग्रहण कर रही हैं. राजेश सिंह का कार्यकाल 4 सितंबर 2023 को खत्म हो रहा है. हाल ही में गोरखपुर विश्वविद्यालय में VC यानी राजेश सिंह और एबीवीपी (ABVP) के बीच लंबा विवाद सामने आया था. उग्र एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुलपति, रजिस्ट्रॉर और अन्य लोगों पर हमला बोला था. पुलिस के सामने उन्हें दौड़ा दौड़ा कर पीटा था. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि राजेश सिंह ने रिसर्च के नाम पर करोड़ों की धनराशि सीड मनी के तौर पर जारी कर दी और उसका कोई हिसाब किताब नहीं दिया गया.

राजेश सिंह गोरखपुर विश्वविद्यालय में कुलपति बनने से पहले बिहार में पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति मार्च 2018 से अगस्त 2020 तक रहे है. एबीवीपी का कहना है कि बिहार के लोकायुक्त ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोप में जांच बिठाई थी.

पूनम टंडन की रुचि अनुसंधान क्षेत्र में लंबे समय से रही है. रासायनिक भौतिकी, क्वांटम रसायन विज्ञान जैसे विषयों में उन्हें विशेषज्ञता हासिल है. 

प्रोफेसर टंडन के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 155 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं. पिछले पांच सालों के दौरान 3 से ज्यादा बड़ी पत्रिकाओं में 83 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं.  अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड, सिंगापुर, हंगरी, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, नेपाल, ब्राजील, इटली और इंग्लैंड  जैसे देशों में हुए सम्मेलनों में 100 से शोधपत्र प्रस्तुत हुए हैं.

 

 

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