Uttarakhand Avalanche: उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्य जारी, 3 शव अब भी लापता
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Uttarakhand Avalanche: उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्य जारी, 3 शव अब भी लापता

उत्तराखंड के उत्तरकाशी एवलॉच हादसे में शव खोजे जा रहे हैं. शव को घटना स्थल से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में भी कई दिक्कतें आ रही हैं. 

Uttarakhand Avalanche: उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्य जारी, 3 शव अब भी लापता

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में एवलॉच हादसे में जान गंवाने वाले 22 लोगों में 7 के शव मातली हेलीपैड तक पहुंचा दिए गए हैं. अब तक कुल 11 शव पहुंच चुके हैं. परिजन से शवों की शिनाख्त कराई जा रही है. सभी शवों का पोस्टमार्टम मातली आईटीबीपी अस्पताल में होगा. शेष शव को लाने की प्रक्रिया अभी जारी है. खराब मौसम के कारण सेना के हेलीकॉप्टर मातली और हर्षिल हेलीपैड से उड़ान तो भर रहे है लेकिन बेस केम्प-1 जहां पर डेडबॉडी है. वहां लैंडिंग नहीं कर पा रहे हैं. वहीं नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की जानकारी के मुताबिक 10 शव बेस केम्प-1 में अस्थाई हेलीपैड पर हैं. शेष 12 शव एडवांस बेस केम्प में हैं. राहत कार्य में जुटे अधिकारियों के मुताबिक बरामद किए गए शव में पर्वतारोही सविता कांसवाल का शव भी शामिल था. कांसवाल ने एवरेस्ट और मकालु पर्वत पर इसी साल के प्रारंभ में सिर्प 15 दिन में चढ़ाई करके नेशनल रिकॉर्ड बनाया था. 

मौसम बन रहा राहत कार्य में बाधक
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला के मुताबिक मौसम ठीक होने पर शवों को लाने की प्रकिया शुरू की जाएगी. उत्तरकाशी के डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में राहत दल ने शुक्रवार को सात ट्रेनी पर्वतारोहियों के शव बरामद किए. तीन अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. इनकी तलाश के लिए रेस्क्यू टीम लगातार राहत कार्य संचालित कर रही है. कई बार बर्फ में कई फीट गहराई में दबे शवों की तलाश के लिए स्पेशल टेक्नोलॉजी रेस्क्यू टीम के पास नहीं होती है. राहत दल अनुमान से चढ़ाई वाले रास्ते का अंदाजा लगाकार आगे बढ़ता है. 

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सीएम बनाए हुए हैं नजर
राहत कार्यों का निरीक्षण करने स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी पहुंचे थे. सीएम ने हवाई सर्वेक्षण कर स्थितियों का जायजा लिया था. इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ हरिद्वार सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे. राहत कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)के साथ ही स्थानीय लोग मदद कर रहे हैं.

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