Credit card Rule Change: नए महीने के साथ कई नियमों में भी बदलाव देखने को मिलता है. ऐसे ही अक्टूबर से क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम में बदलाव को देखने को मिलेगा. यहां जानिए
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Credit card Rule Change: अक्टूबर महीने की शुरुआत होने जा रही है. नए महीने के साथ कई नियमों में भी बदलाव देखने को मिलता है. ऐसे ही अक्टूबर से क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम में बदलाव को देखने को मिलेगा. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड जारी करने के लिए नए मानदंड जारी किए हैं. जिसमें क्रेडिट कार्ड को रद्द करने का नियम भी शामिल है. जानिए क्रेडिट कार्ड से जुड़े तीन नियम
1. कार्ड होल्डर के लिए OTP प्राप्त करने लिए
कार्ड जारीकर्ता को क्रेडिट कार्ड एक्टिव करने के लिए कार्डधारक से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित सहमति लेनी होगी. वहीं, अगर इसे जारी करने की तारीख से 30 से अधिक दिनों तक कस्टमर द्वारा एक्टिवेट नहीं किया जाता तो कार्ड जारीकर्ता को ग्राहक से पूछकर 7 दिनों के भीतर बिना कोई चार्ज लिए क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करना होगा.
2. क्रेडिट कार्ड लिमिट
वहीं, क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को कार्डधारक से बिना सहमति लिए कार्ड लिमिट को तोड़ा नहीं जा सकता है. लिमिट में बदलाव के लिए कस्टमर को जानकारी देनी होगी. साथ ही परमिशन लेनी होगी.
3. ब्याज दर
क्रेडिट कार्डों पर ब्याज की वसूली/चक्रवृद्धि के लिए अनपेड चार्ज/लेवी/करों को कैपिटलाइज नहीं किया जा सकेगा. यानी कस्टमर को ब्याज के जाल में फंसने से बचाने के लिए कंपाउंडिंग ब्याज को बिलों पर नहीं लगाया जा सकेगा. यह नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा.
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डेबिट, क्रेडिट कार्ड का टोकनाइजेशन
यह नियम क्रेडिट और डेबिट कार्ड के टोकेनाइजेशन से जुड़ा हुआ है. जो 30 सितंबर से लागू हो जाएगा. आसान भाषा में कहें तो टोकेनाइजेशन के तहत अब मर्चेंट, ऐप या ऑनलाइन कॉमर्स कंपनियां कार्ड की डिटेल अपने पास सेव नहीं कर सकेंगी. कार्ड की डिटेल यूनिक कोड में ली जाएगी, जिसे कोई नहीं पढ़ सकेगा. इसका फायदा ये होगा कि डिटेल के लीक होने का खतरा नहीं रहेगा.साथ ही डिजिटल पेमेंट सेफ और आसान होगा.