समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव संगठन में कई अहम बदलाव कर रहे हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद अब सभी की नजरें प्रदेश कार्यकारिणी पर हैं. सवाल है कि क्या चाचा शिवपाल के समर्थकों को मिल पाएगी अहम जगह.
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लखनऊ : लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है. पिछले हफ्ते जारी की गई लिस्ट में शिवपाल सिंह यादव को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. बताया जा रहा है कि यह पुरस्कार उन्हें मैनपुरी चुनाव में डिंपल यादव की जीत पर मिला है. शिवपाल के कद को अब सपा में और भी बढ़ाए जाने की तैयारी है. माना जा रहा है कि जल्द ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव चाचा शिवपाल को एक और बड़ी जिम्मेदारी देंगे. दरअसल मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के बाद चाचा शिवपाल ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का न सिर्फ सपा में विलय कर दिया था, बल्कि कार्यकर्ताओं को सपा को मजबूत करने की नसीहत देते दिखे हैं.
क्या है अखिलेश का प्लान
बताया जा रहा है कि शिवपाल के समर्थकों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पर्याप्त जगह नहीं मिलने की वजह से उनके समर्थकों को कुछ अहम पद दिए जा सकते हैं. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले चाचा शिवपाल भी सभी लोकसभा सीट के दौरे पर निकलेंगे. इस दौरान कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक से वह राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराएंगे. वहीं शिवपाल के कुछ समर्थकों को प्रदेश कार्यकारिणी में अहम जगह दी जा सकती है. खास तौर पर शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव को राजनीतिक रूप से अहम पद दिए जाने की संभावना है.
इससे पहले पार्टी में परिवार से छह लोगों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पद दिए गए हैं. इनमें अखिलेश यादव के अलावा प्रोफेसर राम गोपाल यादव (प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव) शिवपाल यादव, धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव और तेज प्रताप यादव जगह मिली है. धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव और तेज प्रताप यादव कार्यकारिणी के सदस्य हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पहले 55 सदस्य थे, जबकि इस बार 64 सदस्य हैं, ऐसे में प्रदेश कार्यकारणी भी पिछली बार के मुकाबले बड़ी होगी.
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