एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल के नेतृत्व में 50 प्लस की 11 महिलाएं लांघने निकलीं पहाड़, देश को दे रहीं ये संदेश
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एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल के नेतृत्व में 50 प्लस की 11 महिलाएं लांघने निकलीं पहाड़, देश को दे रहीं ये संदेश

Uttarkashi News: एवरेस्ट विजेता पद्मभूषण बछेंद्री पाल (Bachendri Pal) के नेतृत्व में 11 महिला पर्वतारोहियों का दल उत्तरकाशी पहुंचा. इस दौरान बछेंद्री पाल ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत की. 

 

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला बछेंद्री पाल

हेमकान्त नौटियाल/उत्तरकाशी: हिमालय के जिन पहाड़ी दर्रों के सामने नौजवानों के हौसले भी पस्त हो जाते हैं, उन्हें पार करने के लिए देश की विभिन्न राज्यों की 11 महिलाएं निकली हैं. खास बात यह है कि इन महिलाओं की उम्र 50 साल से ज्यादा है. महिलाओं का यह समूह ट्रांस हिमालयी अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मूमेंट के तहत शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला को पार करने के मिशन पर है. जिसे सबसे कठिन ट्रेकिंग अभियान में से एक माना जाता है. पांच महीने के लंबे अभियान के दौरान माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला व पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित बछेंद्री पाल के नेतृत्व में टीम 4,977 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 37 पहाड़ी दर्रों को पार करेगी. 11 महिलाओं की ये टीम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च को नई दिल्ली से रवाना हुई थी. 

कारगिल के हिल टाइगर में खत्म होगी यात्रा 
यह अभियान 12 मार्च को भारत-म्यांमार सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश में 3,727 फीट की ऊंचाई पर स्थित पांग-साऊ दर्रे से शुरू हुआ था. टीम ने असम, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और नेपाल क्षेत्रों में स्थित हजारों किलोमीटर की लंबी पैदल यात्रा की. साढ़े तीन माह में हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर टीम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पहुंची. इस दौरान बछेंद्री पाल ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य फिटनेस, जीवन शैली से संबंधित बीमारियों और महिला सशक्तिकरण के प्रति लोगों को जागरूक करना है. यह पूरी यात्रा 5 महीने की है. इसकी शुरुआत अरुणाचल प्रदेश से हुई. इसका समापन कारगिल के हिल टाइगर में होगा. 

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76 साल की महिला भी संदेश देने निकलीं 
इस अभियान में ऐसी कई महिलाएं हैं, जिनकी उम्र 60 साल, 67 साल भी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस ग्रुप में एक महिला की उम्र 76 साल है. जहां 50 प्लस की उम्र में कई लोगों के अंदर कुछ करने की क्षमता नहीं होती है, लेकिन इस अभियान की ये 11 महिलाएं देश को संदेश दे रही हैं. हम भी किसी से कम नहीं हैं. 50 के बाद सपने खत्म नहीं होते, बल्कि शुरू भी होते हैं. तभी तो ये महिलाएं असंभव जैसे कार्य को संभव करने निकली हैं. 

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