Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मदरसा संचालन में गड़बड़ी का मामला सामने आया है....फर्जी दस्तावेजों के सहारे दो मदरसों संचालित किए जा रहे हैं.. आरोप है कि दोनों मदरसे अनुदान के नाम पर सरकार को हर महीने लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं...
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मो.गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में संचालित हो रहे मदरसों को मिल रही विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण जैसे क्रियाकलापों पर खर्च किए जाने की शिकायतों पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. विदेशी फंडिंग की आशंका के चलते प्रयागराज के मऊआइमा, सोरांव, करैली, बमरौली, भारतगंज और लालगोपालगंज क्षेत्र में हैं. ये मदरसे एसआईटी जांच के दायरे में आएंगे.
78 मदरसों को सरकार से मान्यता नहीं
संगमनगरी प्रयागराज में 269 मदरसे शहरी और ग्रामीण इलाकों में संचालित होते हैं. 78 मदरसे ऐसे हैं जिनकी सरकार से मान्यता नहीं है और उनका संचालन हो रहा है. इन मदरसों में लगभग 22 हजार छात्र अध्ययनरत हैं. गैर मान्यता वाले मदरसों के विदेशी फंडिंग से संचालित होने की आशंका है. जब एसआईटी जांच का दायरा बढ़ाएगी तब विदेशी फंडिंग का राज खुलेगा.
मदरसों की जांच में लगी एसआईटी
सरकार ने विभिन्न जिलों में चल रहे करीब 4000 हजार से अधिक मदरसों की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया है. आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) के एडीजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित SIT मदसरों को मिल रही विदेशी फंडिंग की जांच करेगी.
मदरसों को फंडिंग
इन मदरसों को विदेशी फंडिंग की आशंका पहले ही जताई जा चुकी है. पिछले साल हुई जांच में यह बात भी सामने आई थी, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी. पिछले साल मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की टीम ने जांच और सत्यापन का कार्य किया था. इस जांच में वो मदरसे भी थे जो गैर मान्यता संचालित हो रहे थे. सत्यापन रिपोर्ट से ही पता चला था कि इन मदरसों को फंडिंग हो रही है. इसके अलावा देश के साथ विदेश से भी कई मदरसों को फंड मिले हैं.
9 करोड़ रुपये की फंडिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2022-23 और 2023-24 में लगभग 9 करोड़ रुपये की फंडिंग इन मदरसों को हुई. अब एसआइटी इस बात की जांच करेगी कि इन मदरसों को कहां से और किसने फंड दिया. फंड कहां खर्च हुआ, इसकी भी जांच की जाएगी. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्णमुरारी का इस बारे में कहना है कि शासन के निर्देश पर जांच में एसआइटी की मदद की जाएगी.
फर्जी दस्तावेजों के सहारे मदरसे
बता दें कि कुछ समय पहले संगमनगीर में फर्जी दस्तावेजों के सहारे दो मदरसों के संचालन का मामला सामने आया था. ऐसा आरोप है कि दोनों मदरसे अनुदान के नाम पर गड़बड़ी कर रहे थे. उपयुक्त दोनों मदरसों की मान्यता रद्द की जा चुकी है. जानकारी के मुताबिक दोनों मदरसों को कई संस्थाओं से लाखों रुपये की फंडिंग हुई थी. ऐसा आरोप है कि दोनों मदरसे अनुदान के नाम पर सरकार को हर महीने लाखों रुपये का चूना लगा रहे थे और इनमें संचालकों के रिश्तेदार और परिवार के लोग ही शिक्षक और कर्मचारी हैं.
फंडिंग की होगी सिलसिलेवार जांच
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी मदरसों में हो रही फंडिंग की सिलसिलेवार जांच करेगी. सभी मदरसों को नोटिस देकर फारेन करेंसी अकाउंट के माध्यम से हो रहे लेनदेन की जानकारी मांगी जाएगी. फिर इसके बाद उन मदरसों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन्हें विदेशों से रकम भेजी जा रही है. ये रकम कहां-कहां भेजी गई इस बात की भी जांच होगी. नेपाल बॉर्डर पर मदरसों की भरमार है.
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