संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा पर जेकेएनसी के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि "इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. 24 करोड़ मुसलमानों को समुद्र में नहीं फेंका जा सकता है. मुसलमानों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए, हमारे संविधान में धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. उन्हें यह याद रखना चाहिए कि अगर वे संविधान को नष्ट कर देंगे, तो भारत कहां रहेगा?''. देखिए ये वीडियो.................