Gangster Deepak Pahal arrested: देश के टॉप 10 गैंगस्टर में शुमार दीपक बॉक्सर (Deepak Boxer) को भारत लाने के लिए मेक्सिको, अमेरिका और भारत की खुफिया एजेंसियों के साथ विदेश मंत्रालय और कई देशों के दूतावास ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) का साथ दिया.
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Delhi Police Arrested Deepak Boxer In Mexico: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल सात समंदर पार से गिरफ्तार करके कुख्यात गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को दिल्ली ले आई है. दिल्ली पुलिस की इस कामयाबी में केंद्र की मोदी सरकार की अहम भूमिका रही है. इस कुख्यात और भगोड़े बदमाश को विदेश मंत्रालय के प्रयासों की वजह से जल्द दबोचने में कामयाबी मिली है. सूत्रों के मुताबिक दीपक की गिरफ्तारी का पूरा ऑपरेशन अमेरिकी खुफिया एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) की मदद से अंजाम दिया गया. आपको बता दें कि 'बॉक्सर' को लेकर दिल्ली पहुंची फ्लाइट कि आज सुबह 4.40 बजे दिल्ली लैंड कर चुकी है.
कौन है दीपक बॉक्सर?
दीपक बॉक्सर दिल्ली पुलिस की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में टॉप पर था. वह दिल्ली के सिविल लाइंस में एक बिल्डर की हत्या सहित कई मामलों में फरार चल रहा था. दीपक बॉक्सर इन दिनों कुख्यात गोगी गैंग की कमान संभाल रहा था. गोगी की हत्या के बाद वही गैंग को लीड कर रहा था और उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी हाथ मिला लिया था. सूत्रों का कहना है कि दीपक बॉक्सर को विदेश भगाने में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग ने अहम भूमिका निभाई है.
दीपक बॉक्सर के ऊपर दिल्ली पुलिस ने 3 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. कुछ वक्त पहले ही खबर आई थी कि दीपक गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की मदद से विदेश भागा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिश्नोई चाहता था कि दीपक बाहर रहकर गैंग का कामकाज संभाले. 27 साल का दीपक पहल विदेश से ही रंगदारी मांग रहा था.
पूरा गैंग था पुलिस के राडार पर
दिल्ली पुलिस के मुताबिक मार्च के आखिरी हफ्ते में जैसे ही पता चला कि दीपक बॉक्सर फर्जी पासपोर्ट के सहारे विदेश भाग गया है. तो उसकी जानकारी जुटाई गई. इस दौरान पता चला कि बॉक्सर रवि अंतिल के नाम से बने एक फर्जी पासपोर्ट पर फरार हुआ था. करीब एक हफ्ते तक बॉक्सर के सभी पुराने साथियों, गुर्गों और आपराधिक सहयोगियों के साथ निकट संबंधियों से गहन पूछताछ की गई. सभी को एक साथ सर्विलांस पर रखा गया. तब ये पता चला कि कि वो मेक्सिको में है.
अमेरिका भागने की फिराक में था
दिल्ली पुलिस ने इसे दबोचने के लिए विदेश मंत्रालय के जरिए मेक्सिको और अमेरिकी एजेंसियों से सहयोग लिया तो उसकी लोकेशन कैनकुन सिटी में मिली. मेक्सिको का ये इलाका मानव तस्करों के अड्डे और ड्रग्स डीलिंग के लिए बदनाम है. बॉक्सर यहां से अमेरिका भागने वाला था. जहां से उसे भारत लाना आसान नहीं होता. इसलिए इस ऑपरेशन को मेक्सिको पुलिस और एफबीआई के सहयोग से अंजाम दिया गया.
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