Forex Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में हुआ इजाफा, RBI ने जारी कर दिया आंकड़ा
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Forex Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में हुआ इजाफा, RBI ने जारी कर दिया आंकड़ा

Forex Reserves India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. इससे पहले के सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 1.318 अरब डॉलर घटकर 593.749 अरब डॉलर रह गया था. अक्टूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

 

Forex Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में हुआ इजाफा, RBI ने जारी कर दिया आंकड़ा

Foreign Exchange Reserve: देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) 16 जून को समाप्त सप्ताह में 2.35 अरब डॉलर बढ़कर 596.098 अरब डॉलर हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. इससे पहले के सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 1.318 अरब डॉलर घटकर 593.749 अरब डॉलर रह गया था.

अक्टूबर में बना था रिकॉर्ड
अक्टूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन वैश्विक घटनाओं के कारण पैदा हुए दबावों के बीच रुपये को संभालने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने से इस भंडार में गिरावट आई है. रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 16 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 2.578 अरब डॉलर बढ़कर 527.651 अरब डॉलर हो गईं.

गोल्ड रिजर्व में आई गिरावट
डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है. हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा कि गोल्ड रिजर्व का मूल्य 32.4 करोड़ डॉलर घटकर 45.049 अरब डॉलर रह गया.

SDR में हुआ इजाफा
आंकड़ों के मुताबिक, विशेष आहरण अधिकार (SDR) 6.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.249 अरब डॉलर हो गया है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास रखा हुआ देश का मुद्रा भंडार 3.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.149 अरब डॉलर हो गया.

जून की शुरुआत में कैसा था हाल?
नौ जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.128 अरब डॉलर घटकर 525.073 अरब डॉलर रह गयीं. डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है.

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