Money Laundering Case: सुपरटेक के चेयरमैन पर बड़ा एक्शन, इतने दिनों तक ED हिरासत में भेजा
Advertisement
trendingNow11758198

Money Laundering Case: सुपरटेक के चेयरमैन पर बड़ा एक्शन, इतने दिनों तक ED हिरासत में भेजा

ED Custody: केंद्रीय एजेंसी ने अपनी याचिका में कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए आरोपियों से पूछताछ के लिए हिरासत की जरूरत है. आरके अरोड़ा को नई दिल्ली में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में तीसरे दौर की पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया था.

Money Laundering Case: सुपरटेक के चेयरमैन पर बड़ा एक्शन, इतने दिनों तक ED हिरासत में भेजा

Supertech: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुपरटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आरके अरोड़ा को 10 जुलाई तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया. आरके अरोड़ा को एक रात पहले ही धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था. कानून प्रवर्तन एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए आरके अरोड़ा की 14 दिन की हिरासत भी मांगी थी; जिस पर पटियाला हाउस कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था.

पूछताछ हुई
केंद्रीय एजेंसी ने अपनी याचिका में कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए आरोपियों से पूछताछ के लिए हिरासत की जरूरत है. आरके अरोड़ा को नई दिल्ली में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में तीसरे दौर की पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया था.

मनी लॉन्ड्रिंग
सुपरटेक समूह, इसके निदेशकों और प्रमोटरों पर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पुलिस विभागों के जरिए दर्ज कई एफआईआर से उत्पन्न मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं. अप्रैल में, ईडी ने रियल एस्टेट समूह और उसके निदेशकों की 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी. एक बयान में, ईडी ने आरके अरोड़ा और उनकी कंपनी पर लोगों को धोखा देने और "आपराधिक साजिश" में शामिल होने का आरोप लगाया.

धोखा दिया
ईडी ने कहा कि कंपनी और उसके निदेशकों ने बुक किए गए फ्लैटों के बदले धन इकट्ठा करके खरीदारों को धोखा दिया और कब्जा देने में विफल रहे. एफआईआर में कहा गया है कि इस प्रकार खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की गई. अधिवक्ता फैजान खान के साथ ईडी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा ने अदालत को बताया कि कंपनी और उसके निदेशक रियल एस्टेट में बुक किए गए फ्लैटों के बदले संभावित खरीदारों से अग्रिम राशि के रूप में धन इकट्ठा करके लोगों को धोखा देने की आपराधिक साजिश में लिप्त थे.

जरूर पढ़ें:                                                                  

सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं बनते प्रॉपर्टी के मालिक, ये एक गलतफहमी अभी कर लें दूर NSE ने न‍िवेशकों को चेताया, यहां न‍िवेश करने वाले हो जाएंगे 'कंगाल'; आज ही न‍िकाल लें पैसा

Trending news