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Unique Way Teaching In Bihar: बिहार के समस्तीपुर जिले के एक टीचर बैजनाथ राजक ने एक अनोखे वीडियो संदेश के जरिए दिवाली के अवसर पर बच्चों के बीच जागरूकता फैलाने का नया तरीका अपनाया है. वे मालदह प्राइमरी गर्ल्स स्कूल में एक शिक्षक हैं और अपने एक्टिंग के जरिए पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं. उनकी इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान आकर्षित किया है.
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दिवाली पर टीचर का अनोखा अंदाज
टीचर बैजनाथ राजक ने अपने हालिया वीडियो में दिवाली के दौरान सावधानी बरतने, परिवार के साथ हाथ बंटाने और इस पर्व की असली भावना पर जोर दिया. लोकल18 की खबर के मुताबिक, वे बच्चों को यह सिखाते हैं कि दीयों और पटाखों को कब और कैसे सुरक्षित तरीके से जलाना चाहिए. वे इस बात पर जोर देते हैं कि यह काम माता-पिता या दादा-दादी की देखरेख में किया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा. उनके इस तरीके से बच्चे न सिर्फ सुरक्षा टिप्स समझते हैं, बल्कि वे दिवाली के बारे में भी जान पाते हैं, जैसे सफाई और लक्ष्मी पूजा का महत्व.
कुछ ऐसे समझाया दिवाली का महत्व
टीचर बैजनाथ राजक का संदेश केवल निर्देश देने तक सीमित नहीं है. वे बच्चों को अपने आसपास की सुंदरता की सराहना करने के लिए भी प्रेरित करते हैं. वे उन्हें बताते हैं कि दिवाली पर उनके घर के आस-पास में जो सजावट और रोशनी है, उसे देखना कितना जरूरी है. सुरक्षा और परिवार के साथ मिलकर त्योहार मनाने पर जोर देकर टीचर ने यह सुनिश्चित किया कि दिवाली का समय खुशियों से भरा हो, न कि दुख से.
टीचर बैजनाथ राजक की इस क्रिएटिविटी वाली टीचिंग स्टाइल ने फिर से साबित कर दिया है कि म्यूजिक और एजुकेशन का ऐसा मेल कैसे सीखने के अनुभव को बेहतर बना सकता है. उन्होंने यह दिखाया है कि यदि एजुकेशन को इंटरेस्टिंग बनाया जाए, तो बच्चे न केवल सीखेंगे बल्कि त्योहारों के महत्व को भी समझेंगे.
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इस प्रकार, टीचर बैजनाथ राजक ने न केवल अपने छात्रों को दिवाली की सुंदरता और महत्व के बारे में सिखाया, बल्कि उन्हें सुरक्षित और अच्छे तरीके से त्योहार मनाने की प्रेरणा भी दी. उनकी यह पहल सभी के लिए एक मिसाल बन गई है कि कैसे शिक्षकों का योगदान केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि वे बच्चों की जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी मार्गदर्शन कर सकते हैं.