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Deepak Parekh Viral Offer Letter: एचडीएफसी बैंक और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी लिमिटेड) का विलय, जो 1 जुलाई से लागू हुआ, हाल के दिनों में बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़े डेवलपमेंट्स में से एक था. बहुचर्चित विलय के बाद एचडीएफसी बैंक बाजार पूंजीकरण के मामले में देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया है. विलय से ठीक एक दिन पहले, एचडीएफसी बैंक के पूर्व अध्यक्ष दीपक पारेख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और बैंक के कर्मचारियों के साथ एक इमोशनल नोट शेयर किया जिसमें उन्होंने कहा कि यह "मेरे जूते टांगने का समय आ गया है."
करीब 45 साल पुराना जॉब ऑफर लेटर हुआ वायरल
दीपक पारेख ने अपने रिटायरमेंट लेटर में लिखा, "यह मेरे लिए भविष्य की प्रत्याशा और आशा दोनों के साथ संन्यास लेने का समय है. हालांकि यह एचडीएफसी के शेयरधारकों के लिए मेरा आखिरी कम्युनिकेशन होगा, निश्चिंत रहें हम अब विकास और समृद्धि के एक बहुत ही रोमांचक भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं. एचडीएफसी का अमूल्य अनुभव है. हमारे इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता और हमारी विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा." इसके तुरंत बाद, 45 साल पुराना जॉब लेटर वायरल हो गया. एक पोस्ट में लिखा- जब दीपक पारेख को पहली बार 1978 में एचडीएफसी बैंक में नौकरी की पेशकश की गई थी.
कृपया ध्यान दें कि जी मीडिया पत्र की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है.
Deepak Parekh hangs up his boots after a 45-year career at #HDFC
His appointment letter dated July 19, 1978. He joined as Deputy General Manager of HDFC for a basic salary of Rs 3,500
Truly the end of an era!#HDFCMerger pic.twitter.com/9Z7qedifTK
— Shilpa S. Ranipeta (@Shilparanipeta) June 30, 2023
एचडीएफसी के एक्स चेयरमैन का है ऑफर लेटर
19 जुलाई, 1978 को लिखे गए इस जॉब ऑफर लेटर में दीपक पारेख को दिए गए वेतन और रोजगार अनुबंध के अन्य नियमों और शर्तों का विवरण भी दिया गया था. इसके बाद, पारेख अपने अंकल की कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड में उप महाप्रबंधक के रूप में शामिल हुए. प्रस्ताव पत्र के अनुसार, पारेख को 3,500 रुपये का मूल वेतन और 500 रुपये का निश्चित महंगाई भत्ता देने की पेशकश की गई थी. अपने वेतन के अलावा, दीपक पारेख 15 प्रतिशत आवास किराया भत्ता और 10 प्रतिशत शहरी प्रतिपूरक भत्ता के भी हकदार थे.
लेटर के अनुसार, दीपक पारेख को निगम के भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, चिकित्सा लाभ, अवकाश यात्रा सुविधाएं और आवासीय फोन खर्चों की प्रतिपूर्ति की भी पेशकश की गई थी. विलय के बाद, आयु सीमा पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों के कारण पारेख बैंक के बोर्ड में काम नहीं करेंगे.