Harem of Sultans: आपने मुस्लिम सुल्तानों के हरम के अजीबोगरीब किस्सों के बारे में तो खूब सुना होगा. आज हम आपको एक ऐसे सुल्तान के हरम की कहानी बताते हैं, जिसमें महिलाओं को खूब ठूंस-ठूंसकर खाना खाने को मजबूर किया जाता था. इसके पीछे सुल्तान का अपना एक लॉजिक था.
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Secrets of the Sultan Ibrahim Harem: अपने आनंद के लिए हरम में सुंदर महिलाओं को रखने की मुगल सुल्तानों की कहानियां तो आपने खूब सुनी होगी. यह शौक केवल मुगल सुल्तानों तक ही सीमित नहीं था बल्कि देश-विदेश के तमाम मुस्लिम सुल्तानों का यही प्रिय शगल था, जिसे वे गद्दी पर बैठते ही पूरा करते थे. तुर्की में भी ऐसा ही एक सुल्तान गद्दी पर बैठा, जिसके अपने हरम में देश-दुनिया की एक-एक खूबसूरत लड़कियों बलपूर्वक मंगवाकर इकट्ठा कर लिया. उन सभी लड़कियों को ठूंस-ठूंसकर शानदार भोजन खिलाया जाता था. साथ ही उन्हें ज्यादा न घूमने-फिरने की हिदायत दी जाती थी. आखिर उन लड़कियों के साथ ऐसा क्यों किया जाता था. ऐसा करने के पीछे सुल्तान की क्या सनक थी.
तुर्की में इब्राहिम सुल्तान का जन्म
इतिहासकारों के मुताबिक 17वीं सदी में तुर्की के कुस्तुनतुनिया में अहमद प्रथम और कौसम आनास्तासिया के घर इब्राहिम का जन्म हुआ. असल में कौसम आनास्तासिया एक खूबसूरत यूनानी महिला थी, जिसे अहमद प्रथम ने बलपूर्वक दासी बनाकर अपने हरम में रखा हुआ था. उसके साथ संबंधों के चलते इब्राहिम का जन्म हुआ. इब्राहिम के जन्म के 2 साल के बाद अहमद प्रथम की बीमारी से मौत हो गई.
इसके बाद कुस्तुनतुनिया का सुल्तान इब्राहिम (Sultan Ibrahim) के चाचा मुस्तफा प्रथम को बनाया गया. मुस्तफा प्रथम के मरने के बाद इब्राहिम का सौतेला भाई मुराद प्रथम वहां का सुल्तान बना. उसने सत्ता की रंजिश में इब्राहिम के 3 भाइयों को मरवा डाला लेकिन चूंकि इब्राहिम दिमाग से थोड़ा कमजोर था, इसलिए उसे छोड़ दिया.
हरम के लिए देश-विदेश से मंगवाई गई लड़कियां
इत्तेफाक से इब्राहिम (Sultan Ibrahim) की किस्मत पलटी और मुराद प्रथम की मौत के बाद उसे 1640 से लेकर 1648 तक कुस्तुनतुनिया का सुल्तान बनाया गया. उसके सुल्तान बनने के बाद इब्राहिम की मां ने वंश चलाने के लिए उसका हरम तैयार करना शुरू किया, जिसके लिए देश-विदेश से हथियारों के बल पर खूबसूरत लड़कियों का अपहरण कर कुस्तुनतुनिया लाया गया. खूबसूरत फिगर, पतली कमर, शान नैन-नक्काशी, इब्राहिम की मां ने अपने बेटे के आनंद के लिए खूबसूरत लड़कियों का मजमा लगा दिया.
लेकिन इब्राहिम सुल्तान (Sultan Ibrahim) की उन पतली कमर वाली खूबसूरत लड़कियों में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वह सज-संवरकर उसके कमरे में जाती थी लेकिन वह उनकी ओर देखता तक नहीं था. यह देखकर उसकी मां को हैरानी होती थी. इसी बीच सुल्तान हृष्ट-पुष्ट शरीर वाली महिलाओं को रात में कमरे में बुलाने लगा. जब यह बात इब्राहिम की मां को पता चली तो वह अपने बेटे की पसंद समझ गई और उसने हरम में रहने वाली महिलाओं के लिए कई फरमान जारी किए.
महिलाओं को ठूंस-ठूंसकर खिलाया जाता था भोजन
उसने हरम (Secrets of the Sultan Ibrahim Harem) में रहने वाली दासियों और रखैलों को अपना वजन 150 किलो तक बढ़ाने का आदेश जारी किया. इसके लिए उन्हें खाने की थालियां भर-भरकर दी जाने लगीं. हरम की महिलाओं के लिए फरमान था कि वे थाली में खाना नहीं छोड़ सकती थी. खाने के बाद उन्हें खूब मीठा खिलाया जाता था. साथ ही भोजन के बाद चलने-फिरने से भी मना किया जाता था. ऐसा इसलिए कि वे महिलाएं मोटी हो सकें, जिससे उन्हें देखकर उनका सुल्तान बेटा खुश हो और वंश आगे बढ़ सके.
इतिहासकारों के मुताबिक इस कवायद के बावजूद इब्राहिम सुल्तान को अपने हरम (Secrets of the Sultan Ibrahim Harem) की महिलाएं खास पसंद नहीं आईं. उसका दिल 230 किलो वजन वाली एक महिला पर आया, जिसका नाम शकर पारा था. सुल्तान उसे प्यार से मिश्री कहता था. उस महिला के साथ रातें गुजारने के बावजूद वह बाप नहीं बन पाया और एक दिन हार्ट अटैक से शकर पारा की मौत हो गई. हकीमों ने बताया कि ज्यादा वजन होने की वजह से उसे हार्ट अटैक आया.
अलग-अलग महिलाओं से 18 बच्चों का जन्म
यह सुनने के बावजूद इब्राहिम सुल्तान को उसकी बातों पर यकीन नहीं हुआ लेकिन अब उसकी पसंद बदलने लगी था और उसे मध्यम वजन वाली महिलाएं अच्छी लगने लगी थीं. आखिरकार हैटिस तुरहान सुल्तान नाम की महिला ने उसके पहले बच्चे को जन्म दिया. वह महिला सामान्य वजन वाली थी. उस महिला के साथ ही हरम (Secrets of the Sultan Ibrahim Harem) में मौजूद बाकी महिलाओं से भी सुल्तान ने संबंध बनाए, जिससे उसे 18 संतान हुई. वर्ष 1648 में बीमारी से उसकी भी मौत हो गई.
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