Donkey milk: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक यूजर ने गधी के दूध को लेकर कुछ सवाल पूछे तो यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया. आइए जानते हैं कि गधी का दूध इतना क्यों महंगा है. इसके क्या फायदे हैं और यह कहां मिलता है.
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Price Of Donkey Milk: खानपान में लोग दूध इस्तेमाल करते हैं. दूध कई पोषक तत्वों की पूर्ति कर देता है. हालांकि शहरों में दूध की उपलब्धता कई बार कम होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गधी का दूध काफी महंगा होता है. इसके क्या कारण हैं, आइए इसे समझते हैं और यह भी समझते हैं कि इसकी उपलब्धता कहां ज्यादा होती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह दूध अन्य जानवरों के दूध से बेहतर होता है.
दरअसल, गधी के दूध का इस्तेमाल फार्मास्युटिकल और कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स बनाने में अधिक किया जाता है. गधी के दूध में कोशिकाओं को ठीक करने और इम्युनिटी को बढ़ाने का भी गुण होता है. आयुर्वेद में भी त्वचा के रोगों के लिए गधी के दूध को बेहतर बताया गया है. गधी का दूध प्राकृतिक मॉइश्चराइजर का काम करता है और त्वचा को चमक देता है. ये एंटी एजिंग यानि बढ़ती उम्र के परिणाम कम करता है.
इतना ही नहीं गधी का दूध प्रोटीन का अच्छा स्रोत भी है. इस दूध को लेकर एक मजेदार किस्सा प्रचलित है कि मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा इस्तेमाल नहाने में करती थीं. उन्हें दुनिया की सबसे हसीन महिलाओं में माना जाता है. वे खूबसूरती बरकरार रखने के लिए गधी के दूध से नहाती थीं. हालांकि इस बात की पुष्टि हमारे पास नहीं है लेकिन यह जरूर साबित है कि गधी का दूध त्वचा के लिए शानदार होता है.
इसके अलावा इसकी उपलब्धता काफी कम होती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक गधी के दूध का व्यापार गाय, भैंस, भेड़ या बकरी के दूधकी तरह लोकल मार्केट में नहीं होता है. भारत में गुजरात में हलारी नस्ल के गधों की डिमांड बढ़ रही है लेकिन एक शोध के मुताबिक भारत में गधों की नस्लों को लेकर काम हो रहा है. गधी के दूध का कारोबार भारत में उस तरह से नहीं है जिस तरह से यह यूरोप और अमरीका में शुरू हो चुका है. गधी एक दिन में ज्यादा दूध नहीं देती है. एक गधी एक दिन में ज्यादा से ज्यादा आधा किलो दूध देती है. वहीं विदेशों की बात करें तो भारतीय मुद्रा के अनुसार, वहां यह 5000 रुपये के करीब बिकता है. यही सब कारण हैं कि ये इतना महंगा है.
इसके बावजूद भी गधी के दूध को लेकर किए गए शोध में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने एक बार बताया कि दुनिया में ऐसे कई जानवर हैं जिनके दूध को कम आंका गया है. इसमें गधी और घोड़ी के दूध भी शामिल हैं. इस रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि गधी के दूध में ऐसे प्रोटीन पाए जाते हैं जो उनके लिए फायदेमंद है जिन्हें गाय या भैंस के दूध से एलर्जी है.