India China Relation: अब LAC पर होगी भारत की पैनी नजर, तेजी से हो रहा बुनियादी ढांचे का विकास
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India China Relation: अब LAC पर होगी भारत की पैनी नजर, तेजी से हो रहा बुनियादी ढांचे का विकास

भारत-चीन सीमा पर होने वाली झड़पों को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव साफ दिखाई दे रहा है. इस दिशा में चीन को काउंटर करने के लिए भारत LAC से लगे इलाकों में बुनियादी ढ़ाचें का विकास तेजी से कर रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S.

फाइल फोटो

India China Clash: भारत-चीन सीमा पर होने वाली झड़पों को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव साफ दिखाई दे रहा है. इस दिशा में चीन को काउंटर करने के लिए भारत LAC से लगे इलाकों में बुनियादी ढ़ाचें का विकास तेजी से कर रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में 33 महीने से जारी सीमा गतिरोध के बीच बुधवार को कहा कि भारत ने स्पष्ट 'सामरिक कारणों' (Strategic Reasons) से चीन के साथ लगती उत्तरी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. केंद्रीय मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि लद्दाख क्षेत्र में 135 किलोमीटर तक फैली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चुशुल-डुंगती-फुकचे-डेमचोक सड़क पर काम पिछले महीने शुरू हुआ था.

केंद्रीय मंत्री जयशंकर ने बताया कि चीन के साथ लगी सीमा पर सैनिकों की तैनाती बनाए रखने के लिए आवश्यक 16 प्रमुख दर्रों को रिकॉर्ड समय में और पिछले वर्षों की तुलना में बहुत पहले खोल दिया गया है. अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम और लद्दाख में सीमावर्ती क्षेत्रों से लगे कुछ पर्वतीय दर्रों को भीषण सर्दी के महीनों में भारी हिमपात के कारण बंद कर दिया जाता है.

सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2014 से 2022 तक चीन की सीमाओं पर 6,806 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया जो कि 2008 और साल 2014 के बीच निर्मित 3,610 किलोमीटर सड़क से लगभग दोगुनी है. चीन से लगी सीमा पर पुलों के निर्माण के संबंध में उन्होंने कहा है कि साल 2008 से साल 2014 तक निर्मित पुलों की कुल लंबाई 7,270 मीटर थी जबकि साल 2014 से साल 2022 के बीच यह बढ़कर 22,439 मीटर हो गई. 

केंद्रीय मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने स्पष्ट 'सामरिक कारणों' (Strategic Reasons) से चीन के साथ लगती उत्तरी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. विदेश मंत्री ने कहा कि 13,700 फुट की ऊंचाई पर स्थित बलीपारा-चारद्वार-तवांग रोड पर सेला सुरंग के निर्माण से भारतीय सेना का तवांग के निकट वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तक हर मौसम में संपर्क बना रहेगा. 

आपको बता दें कि इसमें दो सुरंगें हैं - एक 1,790 मीटर लंबी, दूसरी 475 मीटर लंबी. सुरंग का निर्माण अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है. एक बार इसका निर्माण पूरा हो जाने के बाद यह 13,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी दो-लेन सुरंग होगी. विदेश मंत्री ने अत्यधिक ऊंचाई वाले और दुर्गम सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए नई तकनीकों को अपनाने की भी बात कही है. जयशंकर ने नेपाल, बांग्लादेश और भूटान सहित पड़ोसी देशों के साथ विभिन्न संपर्क परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला.

(इनपुट: एजेंसी)

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