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Hou Yanqi: नेपाल में ओली को इशारों पर नचाने वाली 'एबेंसडर' का गेम ओवर, जानिए किसे मिली कमान

Hou Yanqi Nepal Politics: नेपाल (Nepal) में करीब चार साल तक तैनात रही चीनी राजनयिक हाओ यांकी (Hou Yanqi) फिलहाल सुर्खियों में हैं. दरअसल दूसरे देशों के अंदरूनी मामलों में दखल देने वाले चीन (China) ने अपनी 'वुल्‍फ वॉरियर' के नाम से मशहूर अफसर यांकी को वापस बीजिंग बुला लिया है. यांकी की जगह नई नियुक्ति हो चुकी है. यांकी की बात करें तो नेपाल को चीन की गोद में ब‍िठाने के पीछे उनकी तय रणनीति को जिम्मेदार माना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यांकी ने ओली के साथ मिलकर नेपाल को भारत से दूर करने की कोशिश की थी.

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चीन ने नेपाल में लंबे समय से तैनात रही हाओ यांकी (Hou Yanqi) को वापस बीजिंग बुला लिया गया है. शी जिनपिंग के प्रशासन ने उनकी जगह पर चेंग सोंग को नेपाल का नया राजदूत बनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाओ यांकी ने अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ काफी नजदीकी बढ़ाकर भारत के खिलाफ कई साजिशें की थीं.

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काठमांडू में अपने चार साल के कार्यकाल में हाओ यांकी ने एंटी इंडिया एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए बीजिंग की मनी पावर और अपनी स्टार इमेज दोनों का जमकर इस्तेमाल किया. माना जाता है कि नेपाल की ओर से जारी किए गए विवादित नक्शे के पीछे हाओ यांकी का ही दिमाग था.

 

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न्यूज़ वेबसाइट काठमांडू पोस्ट (Kathmandu Post) में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने वरिष्ठ राजनयिकों में से एक चेन सोंग (Chen Song) को नेपाल के नए राजदूत के रूप में नामित किया है. चेन, फिलहाल चीनी विदेश मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर हैं. यांकी नेपाल में विवादित रहने के साथ भारत विरोधी नीतियों के लिए भी जानी जाती थीं. 

 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल में बदले राजनीतिक समीकरणों के बीच ये भारत के लिहाज से एक अच्छी खबर है. वहीं सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव रहने वाली यांकी के बारे में कहा जाता है कि नेपाल के PM हाउस और राष्ट्रपति भवन में डायरेक्ट एंट्री थी. कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि भारत, नेपाल के अंदरुनी मामलों में बेवजह दखल देता है. यांकी ने साल 2020 में नेपाल के राजनीतिक संकट के दौरान चीन के पैरोकार माने जाने वाले केपी शर्मा ओली का खुलकर समर्थन किया था.

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भारत विरोधी एजेंडे के लिए यांकी ने सोशल मीडिया का भी जमकर इस्तेमाल किया था. वो नेपाल में अपने कार्यकाल के दौरान नेपाली भाषा में पोस्ट करती थीं. आपको बताते चलें कि यांकी नेपाल से पहले पाकिस्‍तान में भी चीन की राजदूत रह चुकी हैं. वो उर्दू भी बोल लेती हैं.

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