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चीन-पाकिस्तान के लिए कितना खतरनाक है भारत का 'प्रलय', रूस के इस घातक हथियार से क्यों हो रही तुलना?

Pralay missile: LAC पर तवांग झड़प के बाद चीन से जारी तनाव के बीच भारत के फैसले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है. भारत ने पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर सतह से सतह पर मार करने वाली 120 बैलिस्टिक 'प्रलय' मिसाइलों को तैनात करेगा. इन मिसाइलों की खरीद को मंजूरी भी दे दी गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने वरिष्ठ रक्षा सूत्र के हवाले से कहा है कि रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद सशस्त्र बलों के लिए लगभग 120 मिसाइलों के अधिग्रहण और सीमाओं पर उनकी तैनाती को मंजूरी दी गई है. भारत की इस 'प्रलय' मिसाइल की तुलना रूस की इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइलों से की जा रही है. आइये आपको बताते हैं इस मिसाइल के बारे में सबकुछ...

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प्रलय मिसाइल 500 किलोमीटर (310 मील) की दूरी तक के लक्ष्यों को मार सकती हैं. इस मिसाइल में रास्ता बदलने की भी खासियत है जो इसे अभेद्य हथियार बनाती है. प्रलय मिसाइल 2015 में बनना शुरू हुई थी. दिसंबर 2021 में, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा इसका दो बार सफल परीक्षण किया गया.

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डीआरडीओ द्वारा विकसित 'प्रलय' सतह से सतह, कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है और इसकी तुलना अक्सर रूसी इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइलों से की जाती है.

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भारत की प्रलय मिसाइल एडवांस तकनीक के साथ तैयार किया गया है जिससे यह लक्ष्य पर अत्यधिक सटीक प्रहार करती है. यह अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल किसी लक्ष्य को प्रभावित करने से पहले सटीक युद्धाभ्यास भी कर सकती है.

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यह अपने लक्ष्य का पता लगाने के लिए DRDO द्वारा विकसित एक फ्यूज्ड सिलिका रडार-डोम (RADOME) का उपयोग करती है. यह विशेषता इस मिसाइल को खराब मौसम से बचाती हैं.

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प्रलय 150 से 500 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य पर लगभग 350 से 700 किलोग्राम का पेलोड लॉन्च कर सकता है और शॉर्ट नोटिस पर मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च के लिए तैयार किया जा सकता है.

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