Muslim Population in China: साल 2018 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक स्पीच दी थी. शी चाहते थे कि जिस भी मजहब के लोग चीन में रहते हैं, वह इस देश के साथ अपना जुड़ाव महसूस करें. इसके लिए उन्होंने इन धर्मों के लोगों से चीन के प्रतीकों को अपनाने के लिए कहा था.
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Conditions of Muslims in China: चीन में मुसलमानों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी अब इस्लाम को अपने रंग में ढालना चाहती है. वह इस्लाम के धार्मिक प्रतीकों को भी बदल रही है, जिससे ये चीन का एक पार्ट ही लगें.
दरअसल साल 2018 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक स्पीच दी थी. शी चाहते थे कि जिस भी मजहब के लोग चीन में रहते हैं, वह इस देश के साथ अपना जुड़ाव महसूस करें. इसके लिए उन्होंने इन धर्मों के लोगों से चीन के प्रतीकों को अपनाने के लिए कहा था. फिर क्या था, फिर में अब बदलाव की बयार शुरू हो गई है.
चीनी सरकार ने चलाया है कार्यक्रम
न्यूज मीडिया रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है. दरअसल चीन की सरकार ने एक कार्यक्रम चलाया, जिसमें इस्लाम के सिनिसाइजेशन की बात कही. इसका मतलब है कि इस्लाम को मानने वाले लोग अपनी धार्मिक पहचान को त्याग दें. जैसे मस्जिदों में बार-बार जाना, लंबी दाढ़ी और अलग कपड़े पहनना.
गौरतलब है कि चीन में मुसलमानों के दो समुदाय हैं. पहला उइगर और दूसरा हुई मुस्लिम. ये चीन में तीसरे और चौथे नंबर के एथनिक माइनॉरिटी हैं. इनके कई और समुदाय भी हैं, जिनकी कुल जनसंख्या 26 मिलियन है. सबसे पुराने हुई मुसलमान हैं. ये पिछले 13 साल से चीन में रह रहे हैं. जैसे-तैसे अब तक ये अपनी धार्मिक पहचान बचाते आ रहे थे लेकिन अब ये भी चीनी प्रशासन के कार्यक्रम का शिकार बन गए हैं.
पिछले दिनों चीन ने अपनी योजना मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ साझा की थी. इसके लिए यून्नान, हुनान, बीजिंग और शंघाई समेत 8 राज्यों से मुस्लिम प्रतिनिधियों को बुलाकर उनसे कहा गया कि वे चीन की बातों का ज्यादा से ज्यादा प्रसार-प्रचार करें. ताकि महजबी पहचान में मुसलमान ज्यादा कट्टर न हों.
मस्जिदों को पहुंचाया नुकसान
चीनी प्रशासन के इस प्रोग्राम के तहत वहां मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया जाने लगा या उनका स्ट्रक्चर बदला जाने लगा. चीन में 2014 में करीब 38 हजार मस्जिदें थीं. इनको गिराकर या फिर ढांचे में बदलाव कर इसे चीनी स्वरूप दिया जाने लगा. फिलहाल यह आंकड़ा मौजूद नहीं है कि कितनी मस्जिदों को ढहाया गया या बदला गया. इस पर ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एएसपीआई) की रिपोर्ट आई है. इसमें कहा गया कि 8 हजार मस्जिदों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया, जबकि 16 हजार मस्जिदों को क्षतिग्रस्त हो गईं.