Chandra Grahan 2024: इस वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण पड़ने जा रहा है. ज्योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी से जानें कि चंद्रमा पर आता हुआ संकट क्या असर डालेगा. चूंकि पितृ पक्ष का प्रारंभ भी 18 सितंबर को ग्रहण के साथ ही हो रहा है. साथ ही इस दिन चंद्रमा मीन राशि में संचरण करेंगे और राहु चंद्रमा को ग्रस लेंगे.
साल का आखिरी ग्रहण भारत को छोड़कर अन्य कई देशों में पड़ रहा है. इसलिए जिन देशों में भी ग्रहण पड़ रहा है, वहां से जुड़े लोगों को तो ग्रहण के नियमों का पालन तो करना है. चन्द्र ग्रहण में ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले सूतक लगता है. सूतक के समय से ही भगवान की मूर्ति का स्पर्श वर्जित हो जाता है. इस काल में भोजन करना भी मना होता है, लेकिन इसमें शिशु, वृद्ध और रोगी को छूट रहती है. इस दौरान घर में बैठ कर ईश्वर का चिंतन स्मरण किया जाना चाहिए. ग्रहण काल में भूल कर भी सोना नहीं है इसलिए इस अवधि में जाप कर सकते हैं. जाप करना नहीं आता है तो नाम जप या फिर ईश्वर के भजन गा सकते हैं. मोबाइल पर केवल भजन सुनने का कार्य कर सकते हैं. गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान बाहर निकलने से बचें.
किसी भी ग्रहण का असर 6 महीने तक रहता है. ग्रहण की राशि के अनुसार को प्रभाव 6 महीने तक प्राप्त हो सकते हैं लेकिन यदि इन 6 महीने के भीतर अगर कोई दूसरा ग्रहण पड़ जाता है, तो पहले वाले ग्रहण का असर समाप्त हो जाता है. इस ग्रहण के अगले महीने ही 2 अक्टूबर 2024 को सूर्य ग्रहण पड़ेगा इसलिए इस ग्रहण का असर 2 अक्टूबर तक रहेगा.
कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, अफगानिस्तान, ओमान, तुर्कमेनिस्तान में मान्द्य रूप में एवं अफ्रीका, जर्मनी, पोलैंड, दक्षिण अमेरिका, मध्य एवं उत्तरी अमेरिका में खंड ग्रास रूप में दृश्य होगा.
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