India Philippines News: भारत अब 1962 वाला देश नहीं रहा, जो खतरे को सामने देखकर भी तैयारी नहीं कर पाया था. अब वह न केवल इकोनॉमी और सैन्य शक्ति में बेहद मजबूत है बल्कि दुश्मन की चालों को ध्यान में रखकर उसी हिसाब से पलटवार भी कर रहा है.
भारत को घेरने के लिए चीन लंबे समय से पाकिस्तान को हथियार देकर सैन्य रूप से मजबूत कर रहा है. ईंट का जवाब पत्थर से देते हुए अब भारत ने भी उसके पड़ोसी देशो को खतरनाक हथियारों की सप्लाई शुरू कर दी है.
दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की दबंगई का सामना कर रहे फिलीपींस को कल यानी शुक्रवार को भारत की ओर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का पहला बैच मिल जाएगा. इसे भारतीय वायुसेना के जरिए कल डिलीवर किया जाएगा.
चीन को उसकी हरकत का जवाब देने के लिए भारत ने जनवरी 2022 में फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की बिक्री का बड़ा सौदा किया था. इसके साथ ही ब्रह्मोस पाने वाला फिलीपींस पहला विदेशी मुल्क बन गया.
रिपोर्ट के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइलों का यह पूरा सौदा 27 सौ करोड़ रुपये का है. सौदे के तहत फिलीपींस को ब्रह्मस की 3 मिसाइल बैटरियां मिलेंगी. उसे डिलीवर की जा रही मिसाइलों की स्पीड 2.8 मैक और मारक क्षमता 290 किलोमीटर है.
भारतीय नौसेना इन मिसाइलों के संचालन के लिए फरवरी 2023 में, फिलीपीन नौसेना के 21 कर्मियों को ट्रेनिंग भी दे चुकी है. फिलीपींस पहुंचते ही इन मिसाइलों को वहां के युद्धपोतों पर तैनात कर दिया जाएगा. इससे चीन के खिलाफ फिलीपींस को बड़ी बढ़त मिल जाएगी.
दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल ब्रह्मोस खरीदने के लिए इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड और मलेशिया भी भारत के साथ बात कर रहे हैं. खास बात ये है कि इन सभी देशों का चीन के समुद्री सीमा विवाद है यानी वे ड्रैगन को जवाब देने के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे.
ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है. यह बेहद कम ऊंचाई पर उड़ती है और उड़ते वक्त अचानक अपना रास्ता भी बदल सकती है. इस खूबी के चलते रेडार इस मिसाइल को ट्रैक नहीं कर सकते. भारत ने लद्दाख- अरुणाचल में इसी मिसाइल को तैनात किया हुआ, जिसके बाद से चीन दहशत में है.
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