Rules Of War: इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच भीषण जंग जारी है. पहले हमास ने इजरायल के ऊपर अंधाधुंध रॉकेट फायर किए. इसके बाद इजरायल ने हमास को मुंहतोड़ जवाब दिया. इजरायल कह चुका है कि हमास को जड़ से खत्म कर देंगे और गाजा को समतल कर देंगे. इजरायल कितना भी भयानक हमला कर ले लेकिन उसे युद्ध के नियमों का पालन करना होगा. युद्द के इन नियमों को बनाने की पहल 1864 में की गई थी. आइए जानते हैं कि युद्ध के दौरान कोई देश क्या कर सकता है और क्या नहीं?
युद्ध के नियम दुनिया के तमाम देशों ने मिलकर नियम बनाए हैं, इनको अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून (IHL) कहा जाता है. युद्ध के नियमों में ये तय किया गया कि जंग के दौरान देश एक-दूसरे के खिलाफ क्या कर सकते हैं और क्या नहीं. बता दें कि रेड क्रॉस के संस्थापक हेनरी ड्यूनेंट की पहल पर सन् 1864 में पहली बार जिनेवा कन्वेंशन में युद्ध के नियमों को बनाने का अभियान चला था. उस समय केवल 12 देश इस पर सहमत हुए थे लेकिन आज इस पर 196 देश हस्ताक्षर कर चके हैं.
युद्ध के नियमों के अनुसार, जंग के दौरान कोई भी देश दूसरे देश के आम नागरिकों को निशाना नहीं बना सकता है. इसके अलावा मेडिकल कर्मी, हेल्थकेयर वर्कर्स और जो लोग युद्ध में हिस्सा नहीं ले रहे हैं उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. अगर वह किसी जगह संघर्ष में फंस भी जाते हैं तो उन्हें सुरक्षित निकलने का मौका दिया जाएगा.
जान लें कि युद्ध में बंदी बनाए गए लोगों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा. उनको यातना नहीं दी जाएगी. इसके अलावा अपमान भी नहीं किया जाएगा. पकड़े गए दुश्मन के सैनिकों को खाना-पानी भी दिया जाएगा. इसके अलावा अगर मेडिकल वर्कर्स के सामने उनके सामने किसी दुश्मन देश के सैनिक आता है तो वह उसका भी इलाज करेंगे. यही कारण है कि लोगों और घरों को निशाना नहीं बनाया जाएगा.
जंग के दौरान दुश्मन देश की महिलाओं के साथ यौन हिंसा नहीं की जाएगी. अगर किसी सैनिक को ऐसा करते हुए पाया गया तो उसे युद्ध अपराध (War Crime) माना जाएगा. ऐसा होने पर उस देश के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
इसके अलावा, युद्ध में केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों के इस्तेमाल पर भी रोक होती है. इसे गैर कानूनी कहा गया है. अगर कोई देश इन खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो उसे वॉर क्राइम में गिना जाता है. ऐसे देश के खिलाफ बाकी देश एक्शन ले सकते हैं.
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