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परंपरा और आधुनिकता का संगम है नालंदा गुरुकुल; जहां न तो बच्चे लाते हैं बैग, न देनी पड़ती हैं परीक्षाएं, होती है स्ट्रेस फ्री पढ़ाई

Nalanda Gurukul Vidyalaya Surat: गुजरात के सूरत शहर में स्थित नालंदा गुरुकुल बच्चों की शिक्षा के नए आयाम पेश कर रहा है. इस अनोखे गुरुकुल में न तो बच्चे बैग लाते हैं, न ही यहां परीक्षा देने का कोई दबाव होता है. 25 वर्षों से यह स्कूल बच्चों को स्ट्रेस-फ्री और व्यावहारिक शिक्षा देकर उनकी जिंदगी को निखार रहा है. 

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आज भी कई ऐसे पेरेंट्स हैं, जो अपने बच्चों का दाखिला स्कूल में करने के बजाय, उन्हें गुरुकुल भेजना पसंद करते हैं. सूरत के इस गुरुकुल में बच्चों को परीक्षाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है. यहां बिना किताबों के पढ़ाई करवाई जाती है. 

 

नहीं है परीक्षा का डर, किताबों का बोझ

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नहीं है परीक्षा का डर, किताबों का बोझ

नालंदा गुरुकुल विद्यालय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां बच्चों को किसी भी तरह की परीक्षा देने की जरूरत नहीं पड़ती. स्टूडेंट्स को यहां किताबों से नहीं, बल्कि जीवन के अनुभवों और व्यावहारिक ज्ञान से शिक्षा दी जाती है. हर बच्चा खुद अपनी पढ़ाई के लिए नोट्स बनाता है और उन्हें अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल करता है.

पढ़ाई का अनोखा तरीका

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पढ़ाई का अनोखा तरीका

गुरुकुल के शिक्षक बच्चों की क्षमताओं को पहचानकर उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देते हैं. हर स्टूडेंट के हुनर और रुचि के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किया जाता है. शिक्षक न केवल बच्चों को प्रैक्टिकल नॉलेज देते हैं, बल्कि उन्हें जीवन के लिए जरूरी नैतिक मूल्य भी सिखाते हैं.

किताबी ज्ञान नहीं, जिंदगी के सबक

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किताबी ज्ञान नहीं, जिंदगी के सबक

गुरुकुल के फाउंडर बंकिम उपाध्याय के अनुसार, "हम बोर्ड परीक्षाओं के अलावा किसी अन्य परीक्षा का आयोजन नहीं करते. बच्चे सभी विषयों को पढ़ते हैं, लेकिन हमारे यहां उन्हें जिंदगी के अहम पाठ सिखाए जाते हैं, जो उन्हें मजबूत और आत्मनिर्भर बनाते हैं."

स्कूल का समय

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स्कूल का समय

इस गुरुकुल की एक और खास बात यह है कि बच्चों के आने-जाने का कोई तय समय नहीं है. वे जब चाहें आ सकते हैं और अपनी सहूलियत के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं. यहां बच्चों को समय का प्रबंधन और जिम्मेदारी के सबक भी सिखाए जाते हैं.

प्रैक्टिकल शिक्षा पर जोर

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प्रैक्टिकल शिक्षा पर जोर

गुरुकुल के छात्र किताबों पर निर्भर नहीं रहते. यहां उन्हें प्रैक्टिकल नॉलेज दी जाती है, जो उनके जीवन में स्थायी प्रभाव डालती है. शिक्षक भी खुद अपनी टीचिंग किट तैयार करते हैं, जिससे पढ़ाई आसान और रोचक हो जाती है.

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नालंदा गुरुकुल स्कूल का फैसबुक पेज भी हैं, जिस पर स्कूल की सभी एक्टिविटीज, स्टूडेंट्स के फोटो आदि शेयर किए जाते हैं.  

अनोखे मॉडल से सीख रहा है पूरा देश

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अनोखे मॉडल से सीख रहा है पूरा देश

नालंदा गुरुकुल विद्यालय का यह मॉडल न केवल सूरत, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन चुका है. तनाव-मुक्त शिक्षा और बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाला यह गुरुकुल शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.

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