Predator Drone MQ 9B: क्या आपने ऊपर आसमान में काफी ऊंचाई पर पक्षियों को उड़ते देखा है? वे पंख पसारे उड़ते चले जाते हैं. ऐसा लगता है जैसे फिसल रहे हों. कुछ वैसा ही दिखाई देता है जनरल एटॉमिक्स का घातक MQ-9B SkyGuardian. अमेरिका भारत को 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन देने जा रहा है. पूरे चार अरब डॉलर की यह डील चर्चा में है. ऐसे में यह जान लीजिए कि इसके होने से भारत को क्या फायदा होने वाला है.
एमक्यू-9बी स्काई गार्डियन काफी दूर से उड़ाया जा सकने वाला अगली पीढ़ी का 'लड़ाकू ड्रोन' है. यह किसी भी प्रकार के मौसम में 40+ घंटे से ज्यादा समय तक खुफिया और निगरानी जैसे चुनौतीपूर्ण मिशन को अंजाम दे सकता है.
ये बादलों के भी ऊपर उड़ते हैं इसलिए आसानी से पहचाने नहीं जा सकते. इसका सैन्य और असैन्य दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें जबर्दस्त लिंक्स मल्टी-मोड राडार लगे हैं. इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड सेंसर से लैस यह मशीनी चिड़िया अपने आप उड़ और उतर सकती है.
इसके 79 फीट लंबे पंख हैं. अधिकतम रेंज 11 हजार किमी और ऊंचाई 40 हजार फीट है. यह निगरानी करने में दुनिया के प्रमुख ड्रोन में शुमार है. आपदा राहत, तलाश एवं बचाव, बॉर्डर पर निगरानी, आसमानी अटैक, जल्दी चेतावनी, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है. यह जंगी पोत से भी उड़ान भर सकता है. (Photo Credit: GA-ASI.com)
इसके मिलने से समुद्री मार्गों में मानवरहित निगरानी और टोही गश्त के जरिए मौजूदा खतरों से निपटने की भारत की क्षमता बढ़ेगी. रक्षा क्षेत्र की प्रमुख अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स सिस्टम से ड्रोन की खरीद की जाएगी. ये ड्रोन लेजर गाइडेड, ऐंटी- टैंक और ऐंटी- शिप मिसाइलें भी दाग सकते हैं.
भारत अपने सशस्त्र बलों की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए लंबे समय तक उड़ने वाले ये ड्रोन खरीद रहा है. विशेष रूप से चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इन्हें तैनात किया जाएगा.
भारत को कुल 31 अत्याधुनिक ड्रोन मिलेंगे. इसमें से 15 ‘सी-गार्जियन’ ड्रोन नौसेना को, जबकि थलसेना और वायुसेना को 8-8 ‘स्काई-गार्डियन’ ड्रोन मिलेंगे. इस ड्रोन सौदे की घोषणा जून 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी. (Photo Credit: GA-ASI.com)
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