Sleep Tourism destinations: सुकून की नींद कितनी जरूरी है कि अब इसके लिए स्लीप टूरिज्म का कॉन्सेप्ट आ गया है. लोग सुकून की नींद पाने के लिए दुनिया के किसी भी कोने में जाने के लिए तैयार हैं.
Sleep Tourism Trend: छुट्टियों में घूमने, ट्रैकिंग करने, बीच पर मस्ती करने, पार्टी करने के लिए तो टूरिस्ट देश-विदेश में जाते हैं. लेकिन अब लोग दौड़भाग-शोर से दूर सुकून भरी नींद सोने के लिए भी कुछ खास जगहों पर जा रहे हैं. इसे स्लीप टूरिज्म नाम दिया गया है.
स्लीप टूरिज्म डेस्टिनेशंस की बात करें तो स्वीडन धीरे-धीरे 'स्लीप टूरिज्म' के लिए ग्लोबल डेस्टिनेशन बनता जा रहा है. नींद की कमी और तनाव से परेशान लोग स्वीडन आकर सुकून की नींद ले रहे हैं.
स्वीडन के कुछ इलाके बेहद शांत हैं साथ ही यहां की प्राकृतिक सुंदरता और ठंडे इलाके लोगों को मानसिक सुकून देते हैं. वे यहां आकर तनाव से राहत पाते हैं और चादर तानकर आराम की लंबी नींद लेते हैं.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन में स्लीप टूरिज्म के इस कॉन्सेप्ट में ना किसी विशेष थैरेपी का इस्तेमाल होता है. ना ही यहां खास लग्जरी सुविधाएं दी जाती हैं. बल्कि यहां सादगी और प्रकृति से करीब आने पर फोकस किया जाता है.
स्वीडन में एक स्वार्टसो नाम का एक छोटा सा गांव है जहां केवल 65 लोग रहते हैं. इस गांव की वादियां इतनी शांत और सुरम्य हैं कि दुनियाभर से लोग सिर्फ चैन की नींद लेने और खुद को प्रकृति के करीब महसूस करने के लिए यहां आते हैं. यह गांव शहरी जीवन की भागदौड़, तनाव से दूर अनोखी शांति और ताजगी से भरपूर जगह है.
यहां आने वाले टूरिस्ट को बहुत ही बेसिक सुविधाएं दी जाती हैं. जैसे साधारण से लेकिन साफ-सुथरे कमरे में एक कुर्सी और एक साइड टेबल, सामान रखने के लिए अलमारी ही होती है. कमरे में न टीवी होती है न कोई तकनीकी उपकरण. ताकि लोग बस शांति और प्रकृति का अद्भुत अनुभव ले सकें. हालांकि स्वीडन के कुछ होटल्स ब्लैकआउट रूम, मोबाइल-फ्री वेलनेस एरिया और स्लीप-प्लेलिस्ट जैसी सुविधाएं भी देते हैं.
उप्साला यूनिवर्सिटी के स्लीप रिसर्चर क्रिश्चियन बेनेडिक्ट का कहना है की स्वीडन की लंबी वाइल्डरनेस, ठंडी रातें और प्रकृति के साथ जुड़ाव मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और अनिद्रा को दूर करते हैं.
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