Smartphone Charging Rule: आजकल स्मार्टफोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं. हम इनका इस्तेमाल दिन भर करते हैं, और इसलिए यह जरूरी है कि इनकी बैटरी लंबे समय तक चले. इसीलिए, फोन चार्ज करने के तरीकों को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं.
स्मार्टफोन का यूज लोग अपने ज्यादातर कामों को करने के लिए करते हैं. ऑफिस से लेकर पर्सनल कामों के लिए स्मार्टफोन का यूज किया जाता है. मूवी देखना हो या गाने सुनने हो, इंटरनेट ब्राउज करना हो या ऑनलाइन टिकट बुक करना हो, हर काम के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया जाता है.
स्मार्टफोन का इस्तेमाल होने से वो डिस्चार्ज भी होता है. हालांकि, फोन का डिस्चार्ज होना इस बात पर निर्भर करता है कि फोन का यूज कैसे किया जाता है. इसके साथ फोन की बैटरी कितने एमएएच की है, ये भी मायने रखता है. आमतौर पर स्मार्टफोन में चार, पांच और छह हजार एमएएच की बैटरी होती है.
स्मार्टफोन को लोग अपने-अपने तरीके से चार्ज करते हैं. कोई बीच-बीच में फोन को चार्ज करता रहता है, तो कोई डिस्चार्ज होने के बाद फोन को चार्जिंग पर लगाता है. लेकिन, क्या आपको मालूम है कि फोन को चार्ज करने का सही तरीका क्या है? आज हम आपको फोन चार्ज करने के एक ऐसे रूल के बारे में बताते हैं, जिससे आपको अच्छी बैटरी लाइफ मिलेगी.
फोन चार्ज करने के लिए आप 80/20 रूल को फॉलो कर सकते हैं. इससे बैटरी हैल्थ अच्छी रहती है. इस नियम के मुताबिक अपने फोन को 80% से ज्यादा चार्ज नहीं करना चाहिए और न ही इसे 20% से नीचे जाने देना चाहिए. यानी, फोन की चार्जिंग को हमेशा 20% से 80% के बीच में ही रखना चाहिए.
यह सवाल कई लोगों के मन में आता है कि क्या रुल सच में कारगर है? इस नियम के पीछे तर्क यह है कि लिथियम-आयन बैटरी, जो ज्यादातर स्मार्टफोन में इस्तेमाल होती हैं, बार-बार फुल चार्ज होने और डिस्चार्ज होने से खराब हो सकती हैं. 80/20 रूल के मुताबिक अगर बैटरी को हमेशा फुल चार्ज और डिस्चार्ज होने से रोकें, तो इससे बैटरी की लाइफ बढ़ती है.
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