Naga Sadhu Life: नागा साधु कुंभ मेले, माघ मेले जैसे खास मौकों पर ही नजर आते हैं. नागा साधु बनने से लेकर इन साधुओं का जीवन उनके रहने का तरीका काफी रहस्यमयी भी है. यही वजह है कि साधु-संतों की इस बिरादरी के बारे जानने की उत्सुकता ज्यादातर लोगों में रहती है.
कुंभ जैसे खास मौकों पर नजर आने वाले नागा साधु कुंभ के बाद अचानक कहां गायब हो जाते हैं, ये भी सोचने वाली बात है. क्योंकि पवित्र नदियों या तीर्थों के अलावा शायद ही किसी अन्य जगह पर नागा साधु नजर आते हैं.
नागा साधु कहां रहते हैं, क्या खाते हैं या कैसे अपना जीवनयापन करते हैं, इसके बारे में आम लोगों को शायद ही कुछ पता हो. दरअसल, इन नागा साधुओं की दुनिया काफी छिपी हुई और रहस्यमयी है.
पूरे शरीर पर भस्म लपेटे बड़ी-बड़ी जटाएं रखे ईश्वर भक्ति में ही मस्त रहने वाले नागा बाबा आमतौर पर पहाड़ों, जंगलों, गुफाओं या प्राचीन मंदिरों में रहते हैं. इनके रहने का ठिकाना ऐसी जगहों पर होता है जहां कम से कम लोग जाते हैं. निर्वस्त्र रहने वाले ये नागा बाबा ज्यादातर समय तपस्या में लीन रहते हैं.
भिक्षा मांगकर या जंगलों-पहाड़ों में मिलने वाले कंदमूल आदि खाकर ही वे अपना पेट भरते हैं. वे लंबे समय तक भूखे-प्यासे रह सकते हैं. वे दुनिया के सामने आना पसंद ही नहीं करते हैं. इसलिए अपनी पैदल यात्राएं जंगलों के रास्तों से करते हैं और अमूमन दिन की बजाय रात में यात्रा करते हैं.
नागा साधु किसी भी तरह की आरामदायक चीजों का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे जमीन पर सोते हैं और कठोर नियमों का पालन करते हैं. अपना ज्यादातर समय प्रभु की साधना करने में बिताते हैं. ये भी कहा जाता है कि उनके पास ऐसी रहस्यमय विद्या या ताकत होती है कि जिससे वो अपने साथियों द्वारा भेजे गए संदेशों को ग्रहण कर लेते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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