Anant Sutra Bandhane ka tarika: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहते हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने के साथ अनंत सूत्र बांधने का भी बड़ा महत्व है.
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Anant Chaturdashi 2023: हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का बड़ा महत्व है, इस दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन होता है. साथ ही भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है. अनंत चतुर्दशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित की गई है. इस दिन उनके अनंत रूप की पूजा की जाती है. इस दिन 14 गांठ वाला अनंत सूत्र बांधने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है. साथ ही भगवान श्रीहरि के लिए अनंत चतुर्दशी का व्रत रखना, पूजा करना अनंत फल देता है.
ये है अनंत सूत्र बांधने का सही तरीका
- अनंत रूप की पूजा के बाद बाजू में अनंत सूत्र बांधना बहुत लाभ देगा. इसके लिए पहले कच्चे धागे को हल्दी में भिगोकर 14 गांठ वाला धागा बनाएं. हर गांठ लगाते समय भगवान विष्णु का नाम लें. फिर इस धागे को गाय के कच्चे दूध में डुबोकर ॐ अनंताय नम: का मंत्र जपते हुए भगवान विष्णु की विधिवत रूप से पूजा करें. पूजा के बाद इस अनंत सूत्र को पुरुष दाएं और महिलाएं अपने बाएं बाजू पर बांधें. बाजार में तैयार अनंत सूत्र भी मिलते हैं, यदि खुद अनंत सूत्र ना बना पाएं तो बाजार से भी खरीद सकते हैं.
यदि हाथ या बाजू में अनंत सूत्र नहीं बांध पा रहे हों तो इसे गले में भी धारण कर सकते हैं. अनंत सूत्र की हर गांठ भगवान के अलग-अलग नामों का प्रतिनिधित्व करती है.
अनंत सूत्र को लेकर ध्यान में रखें ये बातें
- अनंत सूत्र धारण करने के बाद 14 दिन तक तामसिक भोजन ना करें. साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- अनंत सूत्र धारण करने के बाद मन में बुरे विचार ना लाएं. किसी से झूठ ना बोलें, अपमान ना करें.
- मान्यता है कि विधि-विधान से बांधा गया अनंत सूत्र हर मनोकामना पूरी कर देता है. साथ ही दुनिया का हर सुख दिलाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)