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Afternoon Dreams Are True: सपनों का हमारे निजी जीवन से कितना और कैसा नाता है इसके बारे में व्यक्ति के मन में कई बार ख्याल आते हैं. दरअसल आज हम दोपहर में देखे गए सपनों के बारे में बात करेंगे. क्या दोपहर में देखे गए सपने सच होते हैं, क्या इनका हमारी पर्सनल लाइफ से कोई लेना देना होता है, क्या इन सपनों का हमारे जीवन पर किसी प्रकार का प्रभाव पड़ सकता है और दोपहर में देखे गए सपने का क्या अर्थ हो सकता है आदि सवाल व्यक्ति के मन में चलते रहते हैं. स्वप्न शास्त्र में इन सभी सवालों का जवाब विस्तार में जानेंगे कि क्या दोपहर में देखे गए सपने सच होते हैं!
सपनों का समय निर्धारित करता है कि सच होंगे कि नहीं
बता दें कि स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपनों का समय यह निर्धारित करता है कि वह सच होंगे कि नहीं! स्वप्न शास्त्र की मानें तो समय के आधार पर देखे गए सपनों का सच होना निर्धारित करता है. दरअसल कई सपने व्यक्ति के विचारों पर आधारित होते हैं. इसलिए कई बार विचारों पर आधारित सपने सच नहीं होते हैं, वह बस व्यक्ति के ख्यालों को दोहराते हैं या फिर उनके द्वारा सोची गई बातें उनके सपने में आने लगती हैं.
बता दें कि रात को 10 से 12 बजे के बीच देखे गए सपने का कोई परिणाम नहीं होता क्योंकि इस समय दिनभर के विचारों वाली बातें ही सपने में दिखाई देनी लगती है. स्वप्न शास्त्र की एक और खास बात मानें तो दोपहर में देखे गए सपने सच नहीं होते हैं.
जानें किस समय देखें गए सपने होते हैं सच
स्वप्न शास्त्र की मानें तो ब्रह्म मुहूर्त को हिंदू धर्म में शुभ मानते हैं. दरअसल इस समय इंसान अपनी अंतर आत्मा से सबसे अधिक जुड़ जाता है. इस समय में उठ कर पूजा करना भी काफी फलदायक माना गया है. क्योंकि इस समय दैविय शक्तियों का प्रभाव व्यक्ति पर सबसे अधिक पड़ता है. ब्रह्म मुहूर्त की बात करें तो यह सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच में होता है. इसी दौरान व्यक्ति के द्वारा देखे गए सपने भी सच होते हैं. इन सपनों को पूरा होने में 1 से 6 महीने का समय लग सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)