Budhwar ke Upay: हिन्दू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. ये दिन गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. गणेश जी की कृपा से जीवन की कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है.
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Budhwar Upay: हिन्दू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. ये दिन गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. गणेश जी की कृपा से जीवन की कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है. साथ ही बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित होता है. ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, तर्कशास्त्र, संवाद, गणित, व्यापार का कारक माना जाता है. अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो बुधवार के दिन बुध ग्रह स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए. इससे स्मरण शक्ति भी तेज होती है और व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है.
बुध स्तोत्र -
पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।
धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।1।।
प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।2।।
सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।
सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।3।।
उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।
सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।4।।
शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।
सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।5।।
श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।
रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र: ।।6।।
अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।
अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।7।।
गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: ।
केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।8।।
ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: ।
कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।9।।
गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।
सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।10।।
एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।
बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ।।11।।
।। इति मंत्रमहार्णवे बुधस्तोत्रम ।।
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करें इस चीज का दान
कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए बुधवार को हरी मूंग की दाल का दान करना लाभकारी होता है. साथ ही इस दिन हरी मूंग की दाल का सेवन भी करना चाहिए.
करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!
- ॐ बुं बुधाय नमः अथवा ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!
- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
- प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम। सौम्यं सौम्य गुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम।।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)